झारखंड में बारिश बनी मुसीबत, किसान नहींं कर पा रहे धान की बुवाई.. दलहन को नुकसान

झारखंड में लगातार बारिश से धान की रोपाई में देरी हो रही है और बागवानी व दलहन फसलें प्रभावित हो रही हैं. कई खेतों में जलभराव से बीज सड़ गए हैं. अब तक सामान्य से बहुत ज्यादा बारिश हुई है.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 12 Jul, 2025 | 06:32 PM

Jharkhand Agriculture News: झारखंड में लगातार हो रही बारिश के चलते किसान समय पर धान की रोपाई नहीं कर पा रहे हैं. वहीं, खेतों में जलभराव होने से बागवानी फसलों को नुकसान भी पहुंचा है. इससे किसानों की चिंता बढ़ती जा रही है. वहीं, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (BAU) के विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्थिति अभूतपूर्व है. ऐसा बहुत सालों बाद हो रहा है कि किसान बारिश होने के बजाए थमने का इंतजार कर रहे हैं, ताकि पौधे तैयार करने और खेतों में उपयुक्त जल स्तर बनाए रखने का समय मिल सके.

द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, लगभग 80 फीसदी धान की रोपाई पारंपरिक विधि से की जाती है. जबकि 20 फीसदी के लिए DRS तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है. रांची जिले के पिथोरिया इलाके के किसान नकुल महतो ने कहा कि लगातार बारिश ने कई खेतों को जलमग्न कर दिया और बोए गए बीज नष्ट हो गए. जब बारिश रुकेगी, तब हमें फिर से बुवाई करनी पड़ेगी. उन्होंने कहा कि बारिश से टमाटर, करेला, बैंगन और लौकी जैसी कई सब्जियों के बीज भी खराब हो गए हैं.

दलहन फसलों को नुकसान

BAU के जेनेटिक्स एवं प्लांट ब्रीडिंग विभाग के अध्यक्ष मणिगोपा चक्रवर्ती ने कहा कि मॉनसून शुरू होने के बाद लगातार बारिश के चलते फसलों को नुकसान हो रहा है. खास कर कम पानी में होने वाली फसलें जैसे दालों की खेती भी प्रभावित हुई है. उन्होंने कहा कि राज्य ऊपरी इलाकों में भी लगातार बारिश के कारण बोए गए बीजों के विकास पर भी असर पड़ा है. बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. डीएन सिंह ने कहा कि किसानों को ऐसे खेतों में बीज बोना चाहिए, जहां पानी की निकासी अच्छी हो.

राज्य में सामान्य से ज्यादा बारिश

मौसम विभाग (IMD) रांची कार्यालय के मुताबिक, इस साल अब तक झारखंड में औसतन 482.8 मिमी बारिश हुई है, जबकि सामान्य बारिश 285.6 मिमी होती है. बोकारो, चतरा, धनबाद, पूर्वी सिंहभूम, खूंटी, लातेहार, लोहरदगा, पलामू, रामगढ़, रांची, सरायकेला-खरसावां, सिमडेगा और पश्चिमी सिंहभूम जैसे कई जिलों में 60 फीसदी से ज्यादा अतिरिक्त बारिश रिकॉर्ड की गई है. आईएमडी रांची के प्रभारी अभिषेक आनंद ने कहा कि मॉनसून की धारा फिलहाल झारखंड के ऊपर बनी हुई है, लेकिन 15 जुलाई के बाद इसके उत्तर की ओर खिसकने की संभावना है. इससे राज्य में कुछ दिनों तक बारिश में कमी आ सकती है.

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Published: 12 Jul, 2025 | 06:26 PM

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