बारिश से 15035 हेक्टेयर में फसल बर्बाद, किसानों को 41 करोड़ का नुकसान.. कब मिलेगा मुआवजा

पुणे जिले में मई की बारिश से 15,035 हेक्टेयर में फसलें खराब हुईं और 46,029 किसानों को लगभग 41.2 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. सबसे ज्यादा असर जुन्नर, अंबेगांव और खेड में हुआ.

नोएडा | Updated On: 23 Jun, 2025 | 01:37 PM

महाराष्ट्र के पुणे जिले में बारिश से 15,035 हेक्टेयर में फसलें खराब हुई हैं. इससे किसानों को लगभग 41.2 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान हुआ है. ऐसे में किसानों की परेशानी बढ़ गई है. किसानों ने राज्य सरकार से मुआजे की मांग की है. किसानों का कहना है कि सरकार जल्द से जल्द मुआवजा दे, ताकि वे खरीफ फसलों की समय पर बुवाई कर सकें. वहीं, जिला कृषि अधिकारियों ने भी फसल नुकसान की पुष्टि की है.

द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, जिला कृषि अधिकारी संजय कचोले ने कहा कि मई के आखिरी तीन हफ्तों में हुई बारिश से 15,035 हेक्टेयर में फसलें खराब हुई हैं और करीब 41.2 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि फसल नुकसान का आकलन वाली रिपोर्ट जिला प्रशासन को मंजूरी के लिए भेजी जाएगी. इसके बाद रिपोर्ट राज्य सरकार को जाएगी.

इन तहसीलों में ज्यादा फसल बर्बादी

अधिकारियों ने कहा कि सबसे ज्यादा नुकसान जुन्नर, अंबेगांव और खेड तहसीलों में हुआ है. उसके बाद इंदापुर, बारामती और दौंड तहसील में भी बड़े स्तर पर फसल बर्बादी हुई है. इन इलाकों में तेज और लगातार बारिश के साथ तेज हवाएं चलीं, जिससे आम समेत बागवानी फसलों को भारी नुकसान हुआ है. इसके अलावा कई गांवों में हरी और पत्तेदार सब्जियां भी तबाह हो गईं.

46029 किसान बारिश से प्रभावित

नियमों के मुताबिक, जिन किसानों को 33 फीसदी से ज्यादा नुकसान हुआ है, वे राज्य सरकार से मुआवजा पाने के पात्र हैं. आकलन के अनुसार, पूरे जिले में 46,029 किसानों को मई में अचानक हुई बारिश की वजह से नुकसान हुआ है. कुछ जगहों पर बारिश 100 मिलीमीटर से ज्यादा दर्ज हुई है. इस तेज बारिश और 40 से 60 किलोमीटर प्रति घंटा की हवा ने फलदार बागानों को पूरी तरह नष्ट कर दिया है.

किसानों ने की जल्द मुआवजे की मांग

एक वरिष्ठ कृषि अधिकारी ने कहा कि बारिश के चलते कुछ गांवों में फलदार पौधे जड़ से उखड़ गए. सिंचित जमीनों की फसलें सबसे ज्यादा प्रभावित हुईं. इस बीच, किसानों और कार्यकर्ताओं ने जल्द मुआवजा देने की मांग की है, ताकि किसानों की आर्थिक परेशानी कम हो सके. खेड तहसील के किसान और कार्यकर्ता शांताराम सर्वडे ने कहा कि अगर मई के नुकसान का मुआवजा तुरंत मिल जाए, तो किसानों को बहुत राहत मिलेगी. वे इस रकम का इस्तेमाल खरीफ और आगामी रबी सीजन में कर पाएंगे.

Published: 23 Jun, 2025 | 01:35 PM