Tulsi Plant Care: सर्दियों में घर और बगीचों में तुलसी के पौधे अक्सर मुरझा जाते हैं. ठंडी हवाएं, कम धूप और सूखी मिट्टी उनके लिए चुनौती बन जाती हैं. पत्तियां झड़ने लगती हैं, पौधा कमजोर दिखने लगता है और कभी-कभी जड़ें भी ठीक से पोषण नहीं ले पातीं. ऐसे में अगर आप पौधे की सही देखभाल करें और माली की सुझाई हुई प्राकृतिक खाद का इस्तेमाल करें, तो आपका तुलसी का पौधा सर्दियों में भी हरा-भरा और स्वस्थ बना रहेगा.
सर्दियों में तुलसी की देखभाल
सर्दियों में तुलसी को हल्की धूप और नियमित नमी की जरूरत होती है. ठंडी हवा मिट्टी की नमी को जल्दी सोख लेती है, जिससे पौधे की जड़ें कमजोर हो जाती हैं. पौधे को थोड़ी हल्की धूप मिले, मिट्टी में नमी बनी रहे और पोषण भी पर्याप्त हो, तो तुलसी लंबे समय तक हरा-भरा रह सकता है. इस मौसम में माली अक्सर कोकोपीट की सलाह देते हैं.
कोकोपीट नारियल की भूसी से बनाई जाती है और यह मिट्टी को हल्का, भुरभुरा और हवादार बनाती है. सर्दियों में इसका उपयोग मिट्टी में नमी बनाए रखने और जड़ों को ठंड से बचाने के लिए किया जाता है. इससे तुलसी के पौधे की जड़ें मजबूत रहती हैं और नई पत्तियां आसानी से उगती हैं.
कोकोपीट का सही इस्तेमाल
कोकोपीट को पानी में भिगोकर नरम किया जाता है और फिर पौधे की मिट्टी में जड़ों के आसपास डाल दिया जाता है. यह मिट्टी में नमी बनाए रखता है और पौधे को पोषण देता है. नियमित अंतराल पर इसे दोबारा इस्तेमाल करने से तुलसी का पौधा सर्दियों में भी स्वस्थ और घना रहता है. इसके अलावा, सूखी पत्तियों को समय-समय पर हटा देना चाहिए ताकि नई पत्तियों को पर्याप्त जगह मिले और पौधा और हरा-भरा दिखे.
तुलसी को सर्दियों में स्वस्थ रखने के उपाय
धूप से बचाव: दोपहर की तेज धूप से तुलसी के पौधे को बचाएं. हल्की धूप ही पर्याप्त है.
सिंचाई: पौधे को जरूरत के अनुसार हल्का पानी दें. ज्यादा पानी जड़ों को नुकसान पहुँचा सकता है.
खाद का प्रयोग: समय-समय पर गोबर की खाद, कम्पोस्ट या जैविक खाद मिलाएं ताकि मिट्टी पोषक तत्वों से भरपूर रहे.
पुरानी पत्तियों की कटाई: सूखी और पुराने हिस्सों को हटा दें, ताकि नई पत्तियों को बढ़ने का पर्याप्त स्थान मिले.
मिट्टी में नमी बनाए रखना: नियमित देखभाल से मिट्टी में नमी बनी रहती है और जड़ें मजबूत होती हैं.
लंबे समय तक हरा-भरा रखना: सही पोषण और देखभाल से तुलसी का पौधा सर्दियों में भी स्वस्थ, घना और ताजगी भरा रहता है.