क्या आपने सुना है बिच्छू की खेती के बारे में? जानिए इससे कैसे होती है करोड़ों की कमाई

हर बिच्छू एक दिन में केवल लगभग 2 मिलीग्राम जहर ही बना पाता है. इसलिए इसे निकालना बहुत ही सावधानी और धैर्य से किया जाता है. इस प्रक्रिया में वैज्ञानिक और प्रशिक्षित विशेषज्ञ ही काम करते हैं ताकि बिच्छू को कोई नुकसान न पहुंचे.

नई दिल्ली | Updated On: 31 Jul, 2025 | 04:00 PM

आपने खेती के कई रूप देखे होंगे, धान, गेहूं, सब्जियां, फूल या औषधीय पौधे. लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि बिच्छुओं की भी खेती होती है? और वो भी सिर्फ उनके जहर के लिए, जिसकी कीमत सुनकर किसी के भी होश उड़ जाएं!

जी हां, यह अनोखी और नई तरह की खेती दुनियाभर में धीरे-धीरे लोकप्रिय हो रही है, और इसे बिच्छू पालन या स्कॉर्पियन फार्मिंग नाम से जाना जाता है. इसमें खास प्रजातियों के बिच्छुओं को पाला जाता है ताकि उनसे बेहद कीमती जहर निकाला जा सके.

बिच्छू की खेती क्या होती है?

बिच्छू की खेती एक विशेष प्रकार की फार्मिंग है, जिसमें जहरीली बिच्छू प्रजातियों को नियंत्रित वातावरण में पाला जाता है. इन बिच्छुओं से रोजाना एक निश्चित मात्रा में जहर निकाला जाता है. आपको ये जानकर हैरानी होगी कि 1 लीटर बिच्छू का जहर लगभग 85 करोड़ रुपये (10 मिलियन डॉलर) तक में बिकता है. वजह? इसकी मांग दवाइयों और सौंदर्य प्रसाधन उद्योग में बहुत ज्यादा है.

कैसे निकाला जाता है बिच्छू का जहर?

बिच्छू का जहर दुनिया की सबसे महंगी जैविक चीजों में से एक माना जाता है, जिसका इस्तेमाल दवाइयों और रिसर्च में होता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह जहर निकाला कैसे जाता है?

असल में, हर बिच्छू एक दिन में केवल लगभग 2 मिलीग्राम जहर ही बना पाता है. इसलिए इसे निकालना बहुत ही सावधानी और धैर्य से किया जाता है. इस प्रक्रिया में वैज्ञानिक और प्रशिक्षित विशेषज्ञ ही काम करते हैं ताकि बिच्छू को कोई नुकसान न पहुंचे.

जहर निकालने के लिए खास किस्म के औजारों का इस्तेमाल होता है. आमतौर पर बिच्छू को हल्के बिजली के झटके (electrical stimulation) के जरिये उत्तेजित किया जाता है, जिससे वह जहर छोड़ता है. यह जहर एक साफ कांच की शीशी या स्लाइड में जमा किया जाता है.

पूरी प्रक्रिया वैज्ञानिक निगरानी में की जाती है ताकि बिच्छू की सेहत बनी रहे और जहर की गुणवत्ता भी प्रभावित न हो. जहर निकालने के बाद बिच्छू को आराम करने दिया जाता है, ताकि वह फिर से प्राकृतिक रूप से जहर बना सके.

बिच्छू के जहर के उपयोग कहां होते हैं?

बिच्छू का जहर सुनने में जितना डरावना लगता है, असल में इसका इस्तेमाल कई बेहद अहम मेडिकल और कॉस्मेटिक क्षेत्रों में किया जाता है. इसकी मांग आज दुनियाभर में तेजी से बढ़ रही है क्योंकि यह दुर्लभ और प्रभावी जैविक घटक (bio-compound) है. आइए जानते हैं इसके मुख्य उपयोग कहां-कहां होते हैं:

1. दवाइयों में चमत्कारी उपयोग

क्रोनिक दर्द का इलाज: बिच्छू के जहर में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो आर्थराइटिस या न्यूरोपैथिक पेन जैसे पुराने और तीव्र दर्द को राहत देने में मददगार हो सकते हैं.

कैंसर रिसर्च में: कुछ स्टडीज में देखा गया है कि जहर में मौजूद पेप्टाइड्स कैंसर कोशिकाओं की पहचान कर उन्हें बढ़ने से रोक सकते हैं.

ऑटोइम्यून रोग: जैसे मल्टीपल स्क्लेरोसिस जैसी बीमारियों में यह जहर रिसर्च स्तर पर इलाज की नई उम्मीद बनकर उभरा है.

न्यूरोलॉजिकल रोगों में उम्मीद की किरण: यह जहर दिमाग से जुड़े कुछ जटिल रोगों के संभावित इलाज में भी प्रयोग किया जा रहा है.

2. कॉस्मेटिक इंडस्ट्री में भी धमाल

एंटी-एजिंग उत्पादों में: बिच्छू के जहर से बनी कुछ क्रीम्स त्वचा को कसने, चमकदार बनाने और झुर्रियों को कम करने में सहायक मानी जाती हैं. यह त्वचा की कोशिकाओं को उत्तेजित कर उनमें कोलेजन निर्माण को प्रोत्साहित करता है, जिससे त्वचा जवां दिखती है.

क्या बिच्छू की खेती भारत में वैध है?

भारत में बिच्छू की खेती पर कोई सीधा प्रतिबंध नहीं है, लेकिन यह कानूनी और नियंत्रित तरीके से ही की जा सकती है. बिच्छुओं की कुछ प्रजातियां वन्यजीव संरक्षण अधिनियम (Wildlife Protection Act) के तहत संरक्षित हैं, इसलिए बिना अनुमति पालन करना गैरकानूनी हो सकता है.

  • वन विभाग से परमिशन और लाइसेंस लेना जरूरी है
  • बिच्छू की जिन प्रजातियों को पाला जाए, वे वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत प्रतिबंधित न हों
  • जहर निकालने, स्टोर करने और यदि जरूरत हो तो निर्यात करने के लिए सरकारी अनुमति होनी चाहिए

क्या बिच्छू की खेती खतरनाक है?

ये कोई आम फार्मिंग नहीं है, क्योंकि बिच्छू जहरीले होते हैं और उनके जहर से मौत भी हो सकती है. इसलिए यह काम केवल प्रशिक्षित लोगों द्वारा ही किया जाता है, जो पूरी तरह से सुरक्षा किट, दस्ताने, चिमटी और अन्य आवश्यक उपकरणों का प्रयोग करते हैं. साथ ही, जहां बिच्छू पाले जाते हैं या जहर निकाला जाता है, वह कार्यस्थल पूरी तरह से सुरक्षित और नियंत्रित वातावरण में रखा जाता है ताकि किसी तरह की दुर्घटना न हो.

भविष्य में आय का साधन

अगर कानूनी रूप से और वैज्ञानिक तरीकों से किया जाए, तो बिच्छू की खेती एक बहुत ही लाभकारी और उभरता हुआ व्यवसाय बन सकता है. खासकर उन लोगों के लिए जो पारंपरिक खेती से हटकर कुछ नया और उच्च तकनीकी क्षेत्र में काम करना चाहते हैं.

Published: 31 Jul, 2025 | 03:56 PM