लखनऊ में बनेगा यूपी का पहला बीज पार्क, किसानों को उन्नत किस्में मिलेंगी

बुंदेलखंड को दलहन विकास के रूप में राज्य सरकार देख रही है. इसीलिए यहां पर दलहन फसलों चना, मसूर, मटर, मूंग और उड़द के साथ ही सरसों और अलसी की हाई क्वालिटी किस्मों के बीजों का उत्पादन किया जा रहा है.

रिजवान नूर खान
Noida | Published: 15 Mar, 2025 | 11:43 AM

किसानों को खेती की पैदावार बढ़ाने के लिए उन्नत किस्म के बीजों के विकास पर तेजी से काम किया जा रहा है. केंद्र सरकार की ओर से भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद तो राष्ट्रीय स्तर पर उन्नत और जलवायु अनुकूल किस्मों के लिए बीजों पर काम कर ही रहा है. राज्य भी अपने स्तर पर बीजों के विकास पर पैसा खर्च कर रहे हैं. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार भी उन्नत बीज किसानों को उपलब्ध कराने के लिए राज्य के पहले बीज पार्क का निर्माण कराने जा रही है.

उन्नत बीजों के मामले में आत्मनिर्भर बनेगा यूपी

उत्तर प्रदेश कृषि विभाग के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में कृषि उत्पादन और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए बीज पार्क के निर्माण के निर्देश दिए हैं. राज्य के पहले बीज पार्क के निर्माण के साथ ही सरकार उत्तर प्रदेश को बीजों के मामले में आत्मनिर्भर बनाने जा रही है. जबकि, राज्य सरकार बीज विकास के लिए बुंदेलखंड में भी कई विकास और शोध कार्य करा रही है.

200 एकड़ में बनेगा चौधरी चरण सिंह बीज पार्क

कृषि विभाग के अनुसार राजधानी लखनऊ में उत्तर प्रदेश के पहले बीज पार्क का निर्माण होगा. करीब 200 एकड़ में बनने जा रहे इस पार्क में उत्तम किस्म के बीजों का उत्पादन किया जाएगा. इस पार्क को भारत रत्न चौधरी चरण सिंह के नाम पर बनाया जा रहा है. बीज पार्क के बनने से किसानों को फसलों की अलग-अलग किस्मों के उन्नत बीज पाना आसान हो जाएगा. कृषि विभाग ने कहा है कि स्थानीय स्तर पर बीजों के उत्पादन होने से किसानों को सस्ती दर पर उन्नत किस्म के बीज मिल सकेंगे.

यूपी का पहला सीड पार्क लखनऊ में बनेगा.

ललितपुर में दलहन बीज केंद्र बनेगा

यूपी सरकार ने ललितपुर जनपद को दलहन बीज उत्पादन केंद्र बनाने के लिए चुना है. कृषि वैज्ञानिक बीजों पर अनुसंधान करके दलहन का उत्पादन बढ़ाने की दिशा में किसानों की मदद करेंगे. शासन ने जिला कृषि विभाग से जिले में दलहन उत्पादन संबंधी आंकड़े मांगे हैं. बीज गुणवत्ता में सुधार के लिए जिला स्तर पर सर्वे प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. किसानों की आय बढ़ाने के लिए शासन दहलन व तिलहन की फसल पर जोर दे रही है.

झांसी में बीज विकास पर काम कर रहे वैज्ञानिक

बुंदेलखंड को दलहन विकास के रूप में राज्य सरकार देख रही है. इसीलिए यहां पर दलहन फसलों चना, मसूर, मटर, मूंग और उड़द के साथ ही तिलहन फसलों में सरसों और अलसी की हाई क्वालिटी देने वाली किस्मों के बीजों का उत्पादन किया जा रहा है. जबकि, झांसी स्थित रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिक फसलों की उन्नत किस्मों को विकसित कर रहे हैं.

बीज विकास का हब बन रहा बुंदेलखंड

उत्तर प्रदेश कृषि विभाग के अनुसार तेलंगाना के हैदराबाद में इक्रीसेट (ICRISAT) की ओर से बुंदेलखंड में उन्नत बीज सौंपे गए हैं. राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKV) के तहत बुंदेलखंड के 7 जनपदों में इक्रीसेट के साथ मिलकर काम चल रहा है. इक्रीसेट ने यूपी को बाजरा, ज्वार, सावां, कोदो और मड़ूवा के उत्तम क्वालिटी वाले बीज उत्तर प्रदेश को दिए गए हैं. बुंदेलखंड क्षेत्र में अच्छी मूंगफली की खेती होती है. इक्रीसेट के सहयोग से मूंगफली की उत्तम प्रजाति के बीज से उत्तर प्रदेश में मूंगफली की खेती को बढ़ाया जाएगा.

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