लीची निर्यात में 108 फीसदी की बढ़ोतरी, दरभंगा एयरपोर्ट से पूरे देश में 250 टन सप्लाई

20 मई को ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (BCAS) से मंजूरी मिलने के बाद स्पाइसजेट ने लीची भेजना शुरू किया. 21 मई को लीची की पहली खेप मुंबई रवाना हुई.

नोएडा | Updated On: 21 Jun, 2025 | 08:02 PM

बिहार की मशहूर मिथिला लीची ने साल 2025 में नया रिकॉर्ड बनाया है. इस साल अब तक 250 टन लीची दरभंगा एयरपोर्ट से देश के अलग-अलग राज्यों में भेजी गई है. 2024 में यह आंकड़ा 120 टन था. यानी इस बार 108 फीसदी ज्यादा लीची का निर्यात हुआ है. बेहतर एयर कार्गो सुविधा से किसानों को अब बड़े बाजारों तक पहुंच मिल रही है.

वहीं, निर्यात में बढ़ोतरी के साथ ही बिहार की मिठास अब देश के चार बड़े शहरों तक पहुंच गई है. मिथिला की लीची को मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद और बेंगलुरु जैसे महानगरों में ताजा और तेजी से भेजा गया है. दरभंगा एयरपोर्ट ने इसे पूरे देश में पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाई है. इंडिगो एयरलाइन के जरिए 159.2 टन लीची भेजी गई है.

दरअसल, 20 मई को ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (BCAS) से मंजूरी मिलने के बाद स्पाइसजेट ने लीची भेजना शुरू किया. 21 मई को लीची की पहली खेप मुंबई रवाना हुई. इसके बाद 23 मई से इंडिगो और 1 जून से अकासा एयरलाइन ने भी लीची का ट्रांसपोर्ट शुरू किया. इंडिगो ने 159.2 टन, स्पाइसजेट ने 47 टन और अकासा ने 44.5 टन लीची भेजी.

अलग-अलग राज्यों में 250 टन  लीची की सप्लाई

इस तरह कुल 250 टन से ज्यादा लीची हवाई रास्ते से देश के अलग-अलग हिस्सों में भेजी गई. हालांकि मौसम में उतार-चढ़ाव था, लेकिन रीजनल हेडक्वार्टर, एयरपोर्ट, AAICLAS और एयरलाइंस की टीमों ने मिलकर अच्छे तालमेल के साथ सफलतापूर्वक यह ऑपरेशन पूरा किया.

300 मैट्रिक टन लीची का उत्पादन

बता दें कि बिहार में करीब 32 से 34 हजार हेक्टेयर में लीची की खेती होती है.  वर्ष 2022-23 में 3 लाख टन के करीब लीची का उत्पादन हुआ था, जो 2024-25 में तो घटकर 1.35 लाख टन ही रह गया. इस साल बिहार में लीची का उत्पादन सामान्य से काफी कम होने का अनुमान है.

12 हजार हेक्टयेर में केवल शाही लीची का बाग

हालांकि, देश में लीची उत्पादन में बिहार की हिस्सेदारी अकेले 40 फीसदी है. ऐसे किसान पूर्वी चंपारण, वैशाली, पश्चिमी चंपारण और सीतामढ़ी में लीची की खेती करते हैं, लेकिन मुजफ्फरपुर की बात ही अलग है. मुजफ्फरपुर की मिट्टी ऐसी है कि यहां की लीची में चीनी जैसी मिठांस खुल जाती है. हालांकि, मुजफ्फरपुर में 18 हजार हैक्टेयर में लीची की खेती की जाती है. इसमें से 12 हजार हेक्टयेर में केवल शाही लीची का बाग है.

Published: 21 Jun, 2025 | 07:58 PM