रूस को भाया भारत का फिश और डेयरी बाजार, इन भारतीय कंपनियों को मिलेगा बड़ा मौका

भारत और रूस ने मछली, डेयरी और पशुपालन कारोबार को बढ़ाने पर सहमति जताई है. रूस भारतीय मछली, झींगा और डेयरी उत्पादों की खरीद बढ़ाना चाहता है, जबकि भारत ने डेयरी कंपनियों को मंजूरी देने की मांग रखी है. दोनों देश तकनीक, रिसर्च और नई परियोजनाओं में भी साथ काम करेंगे.

Saurabh Sharma
नोएडा | Published: 6 Dec, 2025 | 07:30 PM

India-Russia Trade : भारत और रूस के रिश्ते अब सिर्फ रक्षा सौदों और ऊर्जा व्यापार तक सीमित नहीं रहे. बदलते समय के साथ रूस भारतीय मसालों, चावल, रेडी-टू-ईट फूड, चाय और कॉफी जैसे उत्पादों के साथ-साथ भारत की मछली, झींगा, दूध और डेयरी उत्पादों का भी बड़ा प्रशंसक बनकर उभरा है. दोनों देशों के बीच बढ़ते व्यापार, भरोसे और नई साझेदारियों ने कृषि, पशुपालन और डेयरी सेक्टर में सहयोग को नई गति दी है. इसी मजबूत तालमेल की वजह से आने वाले समय में दोनों देशों के बीच व्यापार और तकनीकी साझेदारी और ज्यादा बढ़ने की संभावना है.

भारत की 7.45 अरब डॉलर की फिशरी एक्सपोर्ट पर रूस की नजर

भारत- रूस की 23वीं इंडिया-रशिया समिट (23rd India-Russia Summit) बीते दिनों दिल्ली के कृषि भवन में हुई. भारत ने बैठक में बताया कि साल 2024-25 में उसने करीब 7.45 अरब डॉलर की मछली और मत्स्य उत्पादों  की बिक्री दुनिया भर में की, जिसमें 127 मिलियन डॉलर की सप्लाई सिर्फ रूस को भेजी गई. भारत ने साफ कहा कि हमारे पास झींगा, मैकेरल, टूना, क्रैब, स्क्विड जैसे उत्पादों की सप्लाई बढ़ाने की काफी क्षमता है और रूस चाहे तो इसे बड़े स्तर पर आयात कर सकता है. रूस ने भी अपनी दिलचस्पी दिखाते हुए कहा कि वह भारतीय मछली, मांस और डेयरी उत्पादों  की खरीद बढ़ाने को तैयार है. खासतौर पर रूस ने भारत के साथ मिलकर ट्राउट मछली के उत्पादन में तकनीकी सहयोग की इच्छा जाहिर की.

AMUL सहित 12 डेयरी कंपनियों को चाहिए रूस का हरी झंडी

मीटिंग में भारत ने यह भी कहा कि कई भारतीय डेयरी कंपनियां -जिनमें AMUL भी शामिल है-रूस के प्लेटफॉर्म FSVPS पर मंजूरी के इंतजार में हैं. भारत ने रूस से इनकी मंजूरी की प्रक्रिया तेज करने की अपील की ताकि दूध, पनीर, घी और अन्य डेयरी उत्पादों का निर्यात आसानी से हो सके. इसके साथ ही भैंस के मांस और पोल्ट्री सेक्टर में पेंडिंग अनुमोदनों को जल्दी पूरा करने की मांग की गई. भारत ने कुछ इकाइयों पर लगी अस्थायी पाबंदियों को हटाने का भी अनुरोध किया.

नई तकनीक पर भी साथ काम करेगा भारत-रूस

दोनों देशों ने सिर्फ व्यापार नहीं, बल्कि तकनीक से लेकर अनुसंधान तक सहयोग पर सहमति जताई. इनमें शामिल हैं-

  • डीप-सी फिशिंग वेसल्स
  • एक्वाकल्चर टेक्नोलॉजी, जैसे RAS और बायोफ्लॉक
  • प्रोसेसिंग और वैल्यू एडिशन
  • कोल्डवॉटर फिशरी
  • जीन सुधार (Genetic Improvement)
  • अनुसंधान और विशेषज्ञों का आदान-प्रदान

रूस ने यह भी प्रस्ताव रखा कि दोनों देश टीकों, उपकरणों, जैव-सुरक्षा और पशु रोग नियंत्रण  में मिलकर काम कर सकते हैं. यूनिवर्सिटियों और शोध संस्थानों के बीच एक्सचेंज प्रोग्राम तैयार करने पर भी चर्चा हुई.

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Published: 6 Dec, 2025 | 07:30 PM

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