गुजरात में बारिश से फसल बर्बाद, सरकार देगी किसानों को 10,000 करोड़ रुपये का मुआवजा

पिछले कुछ महीनों में गुजरात के कई जिलों में असामान्य और लगातार बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी. खेतों में खड़ी कपास, मूंगफली, सोयाबीन, अरहर और मूंग जैसी फसलें पानी में डूब गईं. यह बारिश इतनी अप्रत्याशित थी कि बीते 20 सालों में ऐसा मौसम राज्य में देखने को नहीं मिला.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 8 Nov, 2025 | 08:22 AM

Gujarat Farmers Relief: गुजरात सरकार ने राज्य के किसानों के लिए अब तक का सबसे बड़ा राहत पैकेज घोषित किया है. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने शुक्रवार को 10,000 करोड़ रुपये के आर्थिक सहायता पैकेज की घोषणा की, जिससे उन किसानों को राहत मिलेगी जिनकी फसलें हाल की अनियमित बारिश से बर्बाद हो गईं. यह राहत पैकेज राज्य के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा बताया जा रहा है.

अनियमित बारिश से बर्बाद हुई मेहनत

पिछले कुछ महीनों में गुजरात के कई जिलों में असामान्य और लगातार बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी. खेतों में खड़ी कपास, मूंगफली, सोयाबीन, अरहर और मूंग जैसी फसलें पानी में डूब गईं. यह बारिश इतनी अप्रत्याशित थी कि बीते 20 सालों में ऐसा मौसम राज्य में देखने को नहीं मिला. किसानों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ और कई जगहों पर खेतों की मिट्टी तक बह गई.

सरकार के आधिकारिक बयान के मुताबिक, बारिश से प्रभावित इलाकों का सर्वे किया गया जिसमें 33 जिलों के 251 तालुकाओं के करीब 16,500 गांव शामिल थे. इस सर्वे के लिए 5,100 टीमों को लगाया गया था ताकि नुकसान का सटीक आकलन किया जा सके.

फसलों के लिए समान मुआवजा

इस राहत पैकेज के तहत सरकार ने सिंचित (irrigated) और असिंचित (non-irrigated) दोनों तरह की फसलों के लिए एक समान मुआवजे की घोषणा की है. हर किसान को प्रति हेक्टेयर 22,000 रुपये की मदद दी जाएगी, अधिकतम दो हेक्टेयर तक. इसका मतलब यह है कि एक किसान को अधिकतम 44,000 रुपये तक का मुआवजा मिलेगा.

सरकार ने कहा है कि मुआवजा सीधे किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर किया जाएगा ताकि किसी तरह की देरी या गड़बड़ी न हो.

पहले भी मिली थी आर्थिक मदद

गुजरात सरकार ने इससे पहले अक्टूबर में भी किसानों के लिए 947 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी थी. वह पैकेज अगस्त और सितंबर की बारिश से प्रभावित किसानों के लिए था. हालांकि, अभी यह साफ नहीं है कि नया 10 हजार करोड़ वाला पैकेज उस पुराने पैकेज को शामिल करेगा या अलग रहेगा.

इसके अलावा, राज्य सरकार ने हाल ही में यह भी घोषणा की है कि वह किसानों से 15,000 करोड़ रुपये की खरीफ फसलों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर करेगी. इसके तहत मूंगफली, उड़द, मूंग और सोयाबीन की खरीद 9 नवंबर से शुरू होगी, जिसके लिए करीब 300 केंद्र बनाए गए हैं.

किसानों ने जताया संतोष

राज्य के कई इलाकों से किसानों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. सौराष्ट्र, बनासकांठा, मेहसाणा और कच्छ के किसानों ने कहा कि सरकार का यह कदम सही समय पर आया है. इससे उन्हें दोबारा खेती शुरू करने की हिम्मत मिलेगी.

कई किसान संगठनों ने हालांकि यह भी कहा कि नुकसान का आकलन और मुआवजा वितरण पारदर्शी तरीके से होना चाहिए ताकि वास्तविक पीड़ितों तक राहत पहुंचे.

आगे के लिए सरकार का वादा

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के साथ खड़ी है और हर संभव मदद करेगी. उन्होंने यह भी बताया कि भविष्य में इस तरह की प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए सरकार फसल बीमा योजना और जल संरक्षण परियोजनाओं को और मजबूत करेगी.

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