चीनी खपत में 10 लाख टन गिरावट का अनुमान, इस वजह से मांग में आई कमी

ISMA के अनुसार, 2024-25 में भारत की चीनी खपत घटकर लगभग 280 लाख टन रह सकती है, जो पिछले साल 290 लाख टन थी. सरकार द्वारा मई 2025 के लिए तय की गई चीनी बिक्री की मासिक कोटा 23.50 लाख टन रहा.

वेंकटेश कुमार
नोएडा | Updated On: 20 May, 2025 | 11:10 AM

भारतीय चीनी और जैव ऊर्जा निर्माताओं के संगठन (ISMA) ने मौजूदा चीनी सीजन 2024-25 (जो सितंबर में खत्म होगा) में देश की चीनी खपत लगभग 280 लाख टन रहने का अनुमान लगाया है. जबकि पिछले साल यह रिकॉर्ड 290 लाख टन रही थी. इस साल मांग थोड़ी कमजोर रही है. ISMA के महानिदेशक दीपक बल्लानी ने कहा कि इस साल अप्रैल और मई जैसे गर्मी के पीक महीनों में भी चीनी की मांग सामान्य से कम रही. सरकार ने भी इस बार चीनी बिक्री का कोटा पिछले साल से कम जारी किया है. सभी आंकड़ों को देखकर लगता है कि खपत 280 लाख टन से ज्यादा नहीं जाएगी. यानी खपत में 10 लाख टन की गिरावट का अनुमान है.

बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार द्वारा मई 2025 के लिए तय की गई चीनी बिक्री की मासिक कोटा 23.50 लाख टन रहा, जो पिछले साल मई के 27 लाख टन के मुकाबले 13 फीसदी कम है. इसके अलावा, अक्टूबर 2024 से मई 2025 तक के पहले सात महीनों में कुल बिक्री कोटा 184.50 लाख टन रहा, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 196.50 लाख टन था यानी 6 फीसदी की गिरावट है. पिछले पूरे सीजन 2023-24 में सरकार ने 291.5 लाख टन चीनी बेचने का कोटा जारी किया था, जिसमें से मिलों ने 290 लाख टन चीनी बेची.

चीनी की खपत रिकॉर्ड 290 लाख टन

वर्ष 2023-24 में भारत में चीनी की खपत रिकॉर्ड 290 लाख टन तक पहुंच गई थी. इसकी वजह आम चुनावों के दौरान बड़ी रैलियां और बांग्लादेश जैसे देशों में कथित चीनी की तस्करी भी बताई जा रही है. ISMA के महानिदेशक दीपक बल्लानी ने कहा कि पिछले साल गर्मी के महीनों में अप्रैल-मई के दौरान चुनावी रैलियों के कारण चीनी की खपत ज्यादा थी. इस साल वैसा कुछ नहीं है, इसलिए खपत कम रहने की संभावना है. हालांकि, ऐसे गर्मी के मौसम और दिवाली जैसे त्योहारों से पहले आमतौर पर चीनी की मांग सबसे ज्यादा होती है.

इस बार मांग में कुछ गिरावट

बल्लानी ने कहा कि संस्थागत खरीदारों, जैसे कि FMCG कंपनियों से भी इस बार मांग में कुछ गिरावट देखने को मिली है. भारत में कुल चीनी खपत का लगभग 70 फीसदी हिस्सा संस्थागत खरीदारों द्वारा लिया जाता है, जबकि बाकी खपत रिटेल बाजार में होती है.

शुद्ध चीनी उत्पादन 261 से 262 लाख टन

पिछले एक दशक में भारत में चीनी की खपत हर साल औसतन 1.8 फीसदी की दर से बढ़ रही है. साल 2015-16 में यह खपत करीब 247.97 लाख टन थी, जो पिछले सीजन (2023-24) में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची. लेकिन मौजूदा सीजन 2024-25 में इसमें थोड़ी गिरावट देखने को मिल रही है. बल्लानी ने कहा कि 2024-25 सीजन के लिए शुद्ध चीनी उत्पादन 261 से 262 लाख टन के बीच रहने का अनुमान है, जिसमें 33-34 लाख टन का इस्तेमाल इथेनॉल बनाने में किया जाएगा.

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Published: 20 May, 2025 | 11:05 AM

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