हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि राज्य में खेती से जुड़े सभी ट्यूबवेल को धीरे-धीरे सोलर एनर्जी से जोड़ा जाए. सीएम सैनी ने कहा कि हरियाणा पावर जनरेशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPGCL) को हर जिले में कम से कम दो कृषि फीडरों की सोलराइजेशन के लिए 5-5 एकड़ जमीन की पहचान करनी चाहिए, जहां सोलर पैनल लगाए जाएं और वहां से ट्यूबवेल्स को बिजली दी जाए. खास बात यह है कि ये फैसला प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (PM-KUSUM) की समीक्षा बैठक में लिया गया. बैठक में ऊर्जा मंत्री अनिल विज भी मौजूद थे.
ET एनर्जी वर्ल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सुझाव दिया कि पंचकूला जिले के रायवाली गांव में स्थित 220 केवी सब-स्टेशन के पास गण्नी खेड़ा ग्राम पंचायत की करीब 300 एकड़ जमीन पर सोलर पावर प्लांट लगाया जाए. इससे जिले के सभी कृषि ट्यूबवेलों को सोलर एनर्जी से बिजली दी जा सकेगी. सीएम सैनी ने यह भी कहा कि कॉलेजों, उपायुक्त कार्यालयों, पिंजौर की फल-सब्जी मंडी और बस स्टैंड जैसी खाली जगहों पर भी सोलर पैनल लगाए जाने चाहिए.
गोदामों की छतों पर भी लगेंगे सोलर पैनल
उन्होंने निर्देश दिया कि जिन पंचायतों की जमीन पर सोलर पावर प्लांट लगेंगे, वहां सोलर स्ट्रक्चर इस तरह डिजाइन किए जाएं कि नीचे का हिस्सा ‘कल्याण मंडपम’ की तरह उपयोग में आ सके, जहां सामाजिक और सामुदायिक कार्यक्रम आयोजित किए जा सकें. बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड की मंडियों और हरियाणा वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन के गोदामों की छतों पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे. इन पैनलों से बनने वाली बिजली खेती-किसानी के कामों में जरूरत के अनुसार इस्तेमाल की जाएगी.
600 करोड़ रुपये का बजट तय
अपर मुख्य सचिव (ऊर्जा) एके सिंह ने जानकारी दी कि PM-कुसुम योजना के तहत अब तक 1.58 लाख से ज्यादा सोलर पंप लगाए जा चुके हैं. वित्त वर्ष 2025-26 में 70,000 नए सोलर पंप लगाने का लक्ष्य तय किया गया है, जिसके लिए सरकार ने 600 करोड़ रुपये का बजट तय किया है. यह योजना राज्य में 2018-19 से लागू है.
घर की छतों पर लगेंगे सोलर सिस्टम
वहीं, कल खबर सामने आई थी कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा है कि प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत राज्य की 1 लाख अंत्योदय परिवारों की छतों पर 2 किलोवाट के सोलर सिस्टम मुफ्त लगाए जाएंगे. उन्होंने कहा है कि पहले चरण का लक्ष्य पूरा होने के बाद, योजना के अगले चरण में और एक लाख परिवारों को शामिल किया जाएगा. अभी तक इस योजना का लाभ 26,000 परिवारों को मिल चुका है, जिनमें कैथल जिले के 1,707 परिवार भी शामिल हैं.