बिहार के 15 जिलों में बनेंगे स्पेशल कस्टम हायरिंग सेंटर, 1454 लाख रुपये खर्च करेगी सरकार

स्पेशल कस्टम हायरिंग सेंटरों की सबसे बड़ी खासियत है कि इन सेंटरों पर पराली जलाने की बजाय उसे नष्ट करने या मिट्टी में मिलाने वाले आधुनिक कृषि यंत्र उपलब्ध होते हैं.

अनामिका अस्थाना
नोएडा | Published: 10 Aug, 2025 | 11:30 PM

किसानों को खेती करने में सहूलियत हो इसके लिए राज्य सरकारें उन्हें आधुनिक खेती के लिए बढ़ावा देती हैं. आज बाजार में कई तरह की आधुनिक कृषि मशीनें उपलब्ध हैं जिनके इस्तेमाल से किसान न केवल उत्पादन और क्वालिटी को बेहतर कर सकते हैं बल्कि अपनी मेहनत और समय की भी बचत कर सकते हैं. लेकिन किसानों के लिए अकसर आर्थिक तंगी के कारण इन मशीनों को खरीद पाना मुश्किल होता है. किसानों की इस समस्या को दूर करने के लिए बिहार सरकार प्रदेश के 15 जिलों में स्पेशल कस्टम हायरिंग सेंटर खोलेगी जिसके तहत किसानों को सस्ती दरों पर मशीनें किराए पर उपलब्ध कराई जाएंगी. बता दें कि, कृषि यांत्रीकरण योजना के तहत सरकार 1454.60 लाख रुपये खर्च करेगी. इस योजना का उद्देश्य फसल अवशेषों का प्रबंधन करना है

फ्लेक्सी फंड से 1454.60 लाख का खर्च

बिहार कृषि विभाग द्वारा सोशल मीडिया पर दी गई जानकारी के अनुसार,  फसल अवशेष या पराली के प्रबंधन के लिए प्रदेश सरकार फ्लेक्सी फंड से 1454.60 लाख रुपये की लागत से 15 जिलों में स्पेशल कस्टम हायरिंग सेंटर खोले जाएंगे. इन जिलों में, रोहतास, कैमूर, बक्सर, भोजपुर, नालंदा, पटना, पश्चिम चम्पारण, औरंगाबाद, पूर्वी चम्पारण, लखीसराय, शेखपुरा, अररिया, गया, नवादा और जहानाबाद शामिल हैं. इन जिलों के किसानों को खेती में आधुनिक मशीनों का इस्तेमाल करने में सहूलियत तो होगी ही साथ ही किसानों की आमदनी में भी बढ़ोतरी होगी.

120 नए स्पेशल कस्टम हायरिंग सेंटर बनेंगे

बिहार के इन 15 जिलों में 120 नए स्पेशल कस्टम हायरिंग सेंटर खोले जाएंगे. इन सभी सेंटरों में पराली प्रबंधन करने वाली कम-से-कम 3 मशीनों का होना जरूरी है. इसके साथ ही सेंटर में और भी आधुनिक कृषि मशीन रख सकते हैं. इन सेंटरों के माध्यम से किसानों को खेती में इस्तेमाल की जाने वाली आधुनिक मशीनें सस्ती दरों पर किराए पर उपलब्ध कराई जाएंगी. इन मशीनों की मदद से किसानों को न केवल खेती में मदद मिलेगी बल्कि कम लागत और खर्च में उत्पादन भी ज्यादा होगा, साथ ही क्वालिटी भी बेहतर होगी. इन मशीनों की खास बात है कि इनकी मदद से किसानों को फसलों की कटाई और तुड़ाई में आने वाली मजदूरी में भी कमी आएगी. ये मशीनें कम समय में ज्यादा लोगों का काम कर खेती को आसान बनाने का काम करती हैं.

स्पेशल कस्टम हायरिंग सेंटर के फायदे

स्पेशल कस्टम हायरिंग सेंटरों की सबसे बड़ी खासियत है कि इन सेंटरों पर पराली जलाने की बजाय उसे नष्ट करने या मिट्टी में मिलाने वाले आधुनिक कृषि यंत्र उपलब्ध होते हैं. इन सेंटरों में आधुनिक और विशेष कृषि यंत्र होते हैं. इन यंत्रों में, रीपर कम बाइंडर, स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम, जीरो टिल सीड ड्रिल, सुपर सीडर, मल्चर, रोटावेटर आदि शामिल हैं. जो किसान महंगे कृषि यंत्र नहीं खरीद सकते, वे इन्हें किराए पर लेकर इनका इस्तेमाल खेती को बेहतर बनाने में कर सकते हैं.

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Published: 10 Aug, 2025 | 11:30 PM

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