ग्रामीण महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य और उनके विकास के लिए मोदी सरकार लगातार तेज गति से काम कर रही है. मोदी कैबिनेट ने ग्रामीण महिलाओं को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की सब्सिडी को एक वर्ष तक और देने को मंजूरी दे दी है. उज्जवला योजना के तहत महिलाओं को मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन दिए जाते हैं और त्योहारों पर मुफ्त सिलेंडर रीफिल की सुविधा भी दी जाती है. जबकि, रीफिलिंग में भी सब्सिडी दी जाती है.
केंद्रीय कैबिनेट ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की सब्सिडी को एक वर्ष के लिए बढ़ाने की घोषणा करने के बाद ग्रामीण क्षेत्र की महिला लाभार्थियों में खुशी की लहर देखी जा रही है. लाभार्थियों ने केंद्र सरकार को इसके लिए धन्यवाद कहा और बधाई दी है. कैबिनेट ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत मिलने वाली सब्सिडी को वित्तीय वर्ष 2025-26 तक बढ़ाने का निर्णय लिया है.
उज्ज्वला योजना से धुआं रहित रसोई हुई
केंद्र सरकार के अनुसार योजना की लाभार्थी महिलाओं का कहना है कि पहले उन्हें लकड़ी और उपले से खाना बनाना पड़ता था, जिससे काफी परेशानी होती थी, विशेषकर बरसात के दिनों में. लेकिन उज्ज्वला योजना से उन्हें धुआं रहित रसोई गैस का लाभ मिला है और अब सालभर आराम से खाना पकाया जाता है. गैस खरीदने के बाद सब्सिडी सीधे बैंक खाते में पहुंच जाती है, जिससे उनकी खुशी दोगुनी हो जाती है.
लाभार्थियों को 300 रुपये सब्सिडी मिल रही
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की लाभार्थी बिहार के शेखपुर नगर परिषद के महादलित टोला की चमेली देवी ने कहा कि पहले काफी परेशानी होती थी, लेकिन अब सारी परेशानी दूर हो गई है. अब कभी भी, दिन या रात, जरूरत के अनुसार गैस पर तुरंत खाना बना लेते हैं. गैस खरीदने पर 934 रुपये का भुगतान करना पड़ता है, जिसमें से 300 रुपये सब्सिडी के रूप में वापस मिलते हैं, जो बैंक खाते में आते हैं. इससे बचत होती है और खाते में राशि भी बढ़ती है
धुएं से अस्थमा और फेफड़ों संबंधी बीमारियों से राहत
प्रधानमंत्री उज्ज्वला को गरीब परिवारों की महिलाओं के जीवन में खुशी लाने के उद्देश्य से 1 मई 2016 को शुरू किया गया था. इस योजना के तहत गरीब महिलाओं को मुफ्त एलपीजी गैस कनेक्शन उपलब्ध कराया जाता है. इससे ग्रामीण क्षेत्रों में खाना पकाने के लिए मिट्टी के चूल्हे की जगह एलपीजी के उपयोग को बढ़ावा मिला है, महिलाओं के स्वास्थ्य की सुरक्षा हुई है और महिला सशक्तिकरण को मजबूती मिली है. जबकि, धुएं से अस्थमा समेत फेफड़ों संबंधी घातक बीमारियों से बचाने में भी मदद मिल रही है.