किसान बहुत ही मेहनत और जतन से अपनी फसलों की बुवाई करते हैं. फसलों के अच्छे उत्पादन के लिए सभी जरूरी पोषक तत्व भी देते हैं. लेकिन फिर भी कई बार फसलों में कीट या रोग लगने के कारण फसल बर्बाद हो जाती है. जिससे किसान को भी आर्थिक तौर पर काफी नुकसान झेलना पड़ता है. लेकिन कुछ ऐसी दवाएं हैं जिनके इस्तेमाल से फसलों को कीटों और रोगों से बचाया जा सकता है. ऐसी ही एक दवा है जिसका नाम है पोटैशियम नाइट्रेट (13-0-45). किसान अपनी फसलों पर इसका छिड़काव कर अपनी फसल की सुरक्षा कर सकते हैं.
कैसे काम करता है पोटैशियम नाइट्रेट
पोटैशियम नाइट्रेट (13-0-45) पानी में घुलने वाला एक जरूर उर्वरक है. पोटैशियम नाइट्रेट उत्पादों के दानों और फलों की चमक और वजन बढ़ाने में मदद करती है. इसके साथ ही, यह फसलों की कीटों, रोगों, सूखे, और पाले से बचाव करने के लिए फसलों की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. किसान अपनी फसलों पर इस दवा का इस्तेमाल कर फसलों को नुकसान होने से आसानी से बचा सकते हैं.
ऐसे करें दवा का इस्तेमाल
फसलों पर पोटैशियम नाइट्रेट (13-0-45) का इस्तेमाल करने के लिए किसान इस दवा की 10 से 15 ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी में घोलकर इसका मिश्रण बना लें. मिश्रण बनाने के बाद ड्रिप सिंचाई तकनीक के माध्यम से फसलों पर इसका छिड़काव करें. ऐसा करने से फसलों पर कीट और रोग नहीं लगेंगे. इसके साथ ही फसल की पत्तियां भी नहीं सूखेंगी, साथ ही फसल की ग्रोथ भी अच्छी होगी.
पोटैशियम नाइट्रेट (13-0-45) के फायदे
पोटैशियम नाइट्रेट (13-0-45) के इस्तेमाल से फसल की उपज में 20 से 40 फीसदी की बढ़त की जा सकती है. इसके साथ ही इसकी एक और खासियत है कि इसे हर तरह की फसल के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. बता दें कि फसलों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ-साथ इस दवा के इस्तेमाल से फसलों की उपज भी बढ़ती है. पोटैशियम और नाइट्रेट का फसल पर अलग-अलग असर पड़ता है .जैसै-
पोटैशियम: पोटैशियम से फसल में प्रोटीन की मात्रा बढ़ जाती है. इसके उपयोग से दानों में चमक आती है वहीं यह फलों को पकने में भी मदद करता है.
नाइट्रोजन: पोटैशियम नाइट्रेट (13-0-45) मों मौजूद नाइट्रोजन फसल की जड़ों को तेजी से बढ़ाता है. नाइट्रोजन की ही मदद से फसल में हरा रंग आता है.