बरसात के मौसम में तालाब का पानी जल्दी दूषित हो जाता है, जिससे मछलियों में संक्रमण फैलने का खतरा काफी बढ़ जाता है. संक्रमण से बचाव के लिए तालाब की नियमित सफाई जरूरी होती है.
पानी की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए महीने में दो बार प्रति एकड़ तालाब में 10-15 किलो चूना डालना चाहिए. चूना पानी का पीएच संतुलित करता है और हानिकारक जीवाणुओं को कम करता है.
जब भारी बारिश हो और पानी में मैला जम जाए, तो पोटैशियम परमैंगनेट का 400 ग्राम घोल प्रति एकड़ तालाब में छिड़काव करना चाहिए. यह पानी को साफ रखता है और संक्रमण फैलने से बचाता है.
पोटैशियम परमैंगनेट का उपयोग महीने में केवल एक बार ही करना चाहिए ताकि मछलियों को कोई नुकसान न पहुंचे और पानी की गुणवत्ता बनी रहे. इससे मछलियों का स्वास्थ्य बेहतर होता है.
मछलियों को पारासाइटिक संक्रमण से बचाने के लिए फीड में प्रति किलो 10 ग्राम नमक मिलाना लाभकारी होता है. इससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और संक्रमण से लड़ने में मदद मिलती है.
नमक मिला फीड महीने में कम से कम एक हफ्ते तक देना चाहिए, ताकि मछलियां संक्रमण से सुरक्षित रहें और तालाब का पर्यावरण संतुलित बना रहे, जिससे उत्पादन में सुधार होगा.