सर्द हवाएं बन सकती हैं जानलेवा, गाय-भैंस को गर्म रखने के ये देसी तरीके अपनाएं

Cattle Farming: सर्दी शुरू होते ही गाय-भैंस और बछड़ों की सेहत पर तेजी से असर पड़ता है. ऐसे में किसान अगर समय रहते सावधानी न बरतें तो दूध उत्पादन घट सकता है और कई तरह की बीमारियां भी पकड़ सकती हैं. यहां कुछ देसी उपाय बताए जा रहे हैं जिनसे पशु को गर्म और सेहतमंद बनाए रखा जा सकता है.

Saurabh Sharma
नोएडा | Published: 17 Oct, 2025 | 06:00 AM

सर्दी का मौसम जैसे-जैसे बढ़ता है, वैसे-वैसे पशुओं की सेहत पर इसका असर साफ दिखाई देने लगता है. इंसानों की तरह पशु भी सर्द हवाओं और तापमान में गिरावट से परेशान होते हैं. अगर समय रहते सावधानी न बरती जाए, तो गाय-भैंस से लेकर बकरी-भेड़ तक सभी पशुओं में बीमारियां बढ़ सकती हैं. सबसे ज्यादा असर दूध देने वाले पशुओं पर पड़ता है, क्योंकि ठंड में उनका शरीर गर्म रखने के लिए ऊर्जा खर्च होती है और ऐसे में दूध उत्पादन भी कम हो सकता है. इसलिए किसान अगर कुछ आसान उपाय अपनाएं, तो सर्दी के मौसम में भी अपने पशुओं को पूरी तरह फिट रख सकते हैं.

सर्द हवाओं को रोकें

सर्द हवाओं  से बचाना सबसे जरूरी होता है. पशुशाला की दीवारों को मोटे तिरपाल, बोरे या प्लास्टिक शीट से ढक दें, ताकि ठंडी हवा अंदर न घुसे. कोशिश करें कि फर्श पर सूखा भूसा या पुरानी चादर बिछा दें, ताकि पशु सीधे ठंडी जमीन पर न बैठें. रात के समय दरवाजे बंद रखें और दिन में धूप आने दें, ताकि अंदर नमी न जमे.

गुनगुना पानी पिलाना न भूलें

ठंड में पशु अक्सर पानी कम पीते हैं, क्योंकि उन्हें ठंडा पानी अच्छा नहीं लगता. ऐसे में शरीर में पानी की कमी हो सकती है और खून गाढ़ा हो जाता है, जिससे बीमारियां बढ़ती हैं. इसलिए दिन में कम से कम दो बार हल्का गुनगुना पानी जरूर पिलाएं. पानी इतना गर्म हो कि हाथ डालने पर आराम महसूस हो, ज्यादा गर्म न हो.

गर्माहट बढ़ाने वाले खाने दें

सर्दी में शरीर को गर्म रखने के लिए पशुओं को ज्यादा ऊर्जा की जरूरत होती है. ऐसे में उनके आहार में गुड़, सरसों या अलसी का तेल, भूसा के साथ दलिया या चोकर मिलाकर दिया जा सकता है. हरा चारा जरूर दें, लेकिन ठंडा होने पर थोड़ा धूप में सुखाकर ही खिलाएं. अगर संभव हो तो रात में थोड़ा गर्म दलिया देना बहुत फायदेमंद होता है.

ठंड से होने वाली बीमारियों से सावधान रहें

सर्दियों में निमोनिया, खांसी-जुकाम और बुखार जैसी बीमारियां तेजी से बढ़ती हैं. अगर पशु बार-बार छींक रहा हो, नाक से पानी आ रहा हो या सुस्त लग रहा हो, तो तुरंत देसी इलाज करने के बजाय नजदीकी पशु चिकित्सक से इलाज कराएं. छोटे बछड़ों और बकरियों पर खास ध्यान दें, क्योंकि वे जल्दी बीमार होते हैं.

नियमित साफ-सफाई और धूप दिखाना जरूरी

पशुओं के शरीर  की गर्मी बनाए रखने के लिए उन्हें दिन में धूप जरूर दिखाएं. सुबह के समय जब धूप निकल आए, तब उन्हें बाहर खुली जगह पर बांध दें. साथ ही पशुशाला को रोज साफ करें, गीला भूसा या पुरानी बिछावन तुरंत बदल दें. नमी होने पर कीट और बदबू बढ़ती है, जो बीमारियों का कारण बनती है.

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Published: 17 Oct, 2025 | 06:00 AM

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