Haryana Agriculture News: हरियाणा में 15 दिन बाद रबी फसलों की बुवाई शुरू हो जाएगी, लेकिन अभी से ही डीएपी के लिए खाद केंद्रों पर किसानों की भीड़ जुटने लगी है. खासकर सिरसा जिले में किसानों की भीड़ कुछ ज्यादा ही दिखाई दे रही है. शनिवार को जिले में सरकार की ओर से 64 केंद्रों पर 25,000 बोरी डीएपी बांटी गई. सुबह से ही पुरुषों के साथ महिलाएं भी लाइन में लग गईं और घंटों इंतजार करती रहीं. ऐसे में किसानों ने शिकायत की कि वितरण केंद्रों पर न तो पीने का पानी है और न ही कोई जरूरी सुविधा. कई किसान भूखे-प्यासे घंटों लाइन में खड़े रहे. कुछ केंद्रों पर किसानों को 4 बोरी खाद दी गई, जबकि कुछ जगहों पर सिर्फ 2 ही मिली. वहीं, कई किसान बीना खाद लिए खाली हाथ घर लौट गए. किसानों ने खुद टोकन लिस्ट बनाकर व्यवस्था संभालने की कोशिश की, फिर भी भीड़ और अफरा-तफरी बनी रही.
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, गुड़ियाखेड़ा की सरोज और चौबुर्जा की सरोज रानी ने कहा कि उन्हें मजबूरी में लंबी लाइन में खड़ा होना पड़ा. सरोज रानी, जो अकेले अपने छोटे बेटे की देखभाल करती हैं, ने महिलाओं के लिए अलग व्यवस्था की मांग की ताकि उन्हें थोड़ी राहत मिल सके. कृषि विभाग के अनुसार, शनिवार को 2,600 मीट्रिक टन डीएपी खाद पहुंची और इसे अलग-अलग केंद्रों पर बांटा गया. बाकी बची खाद सोमवार को दी जाएगी. रविवार को और 2,000 मीट्रिक टन डीएपी आने की उम्मीद है, जिसे सरकारी और प्राइवेट दोनों केंद्रों पर भेजा जाएगा ताकि किसानों को राहत मिल सके.
कुल जरूरत 45,000 मीट्रिक टन
अब तक रबी सीजन के लिए 8,000 मीट्रिक टन डीएपी वितरित हो चुकी है, जबकि कुल जरूरत 45,000 मीट्रिक टन की है. कपास और ग्वार की फसल को नुकसान होने के बाद किसान अब जल्दी सरसों और गेहूं की बुआई की तैयारी में हैं. सरसों की बुआई अगले 15 दिनों में शुरू होनी है, जबकि गेहूं की बुआई एक महीने बाद शुरू होगी. कृषि विभाग के क्वालिटी कंट्रोल इंस्पेक्टर अमित कुमार ने कहा कि सप्लाई लगातार आ रही है और किसानों से अपील की है कि वे जरूरत के हिसाब से ही खाद खरीदें.
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खाद के लिए जमा हुई भारी भीड़
वहीं, ओढां स्थित इफ्को बाजार में शनिवार सुबह डीएपी की 660 बोरियां पहुंची तो भारी भीड़ जमा हो गई. खाद को लेकर धक्का-मुक्की और बहस होने लगी, जिससे हालात तनावपूर्ण हो गए और पुलिस को दखल देना पड़ा. इसके बाद वितरण को सोमवार तक टाल दिया गया. सेल्स ऑफिसर गजेंद्र चौहान ने कहा कि डीएपी खाद का वितरण रजिस्ट्रेशन के आधार पर किया जा रहा है और हर किसान को अधिकतम चार बोरी ही दी जा रही है. लेकिन जिन किसानों के पास ज्यादा जमीन है, उन्होंने शिकायत की कि चार बोरी से काम नहीं चलेगा.
20 दिनों में दूसरी बार 660 बोरी खाद आई
कई किसानों ने यह भी नाराजगी जताई कि खाद की उपलब्धता सही समय पर नहीं होती. कभी यूरिया देर से आती है, तो कभी डीएपी, जिससे बुआई में परेशानी होती है. चौहान ने कहा कि पिछले 20 दिनों में यह दूसरी बार 660 बोरी खाद आई है. पिछली बार भी वितरण में गड़बड़ी हुई थी. इस बार भी अव्यवस्था के चलते वितरण रोकना पड़ा और अब इसे सोमवार को दोबारा शुरू किया जाएगा.