चक्रवात दितवाह का कहर, 57 हजार हेक्टेयर फसलें डूबीं.. 149 पशुओं की मौत, किसानों को भंयकर नुकसान

Cyclone Ditwah: रेवेन्यू डिजास्टर मैनेजमेंट मिनिस्टर ने कहा कि दितवाह चक्रवात से भारी बारिश और बाढ़ के साथ तेज हवाओं ने मुश्किल बढ़ा दी है. अब तक 149 मवेशी मारे जा चुके हैं. जबकि, 57,000 हेक्टेयर में खेती की जमीन बाढ़ के पानी में डूब गई है.

रिजवान नूर खान
नोएडा | Updated On: 30 Nov, 2025 | 07:27 PM

तमिलनाडु में चक्रवात दितवाह से भारी बारिश के चलते 3 लोगों की मौत हो गई है. जबकि, 57 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में खड़ी फसलें पूरी तरह तबाह हो गई हैं. 149 मवेशियों की मौत हो गई है और 240 से ज्यादा मकान ध्वस्त हो गए हैं. चक्रवात के भयंकर रूप ने किसानों को भारी नुकसान पहुंचाया है. राज्य सरकार ने पीड़ितों मदद का भरोसा दिया है.

दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में सक्रिय चक्रवाती तूफान दितवाह अब उत्तरी तमिलनाडु और पुडुचेरी के तटों की ओर तेजी से बढ़ रहा है. मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार यह तूफान अगले 24 घंटों के दौरान तट के समानांतर उत्तर दिशा में आगे बढ़ेगा. दितवाह से सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को हुआ है उनकी फसलें और मवेशी चक्रवात की भेंट चढ़े हैं.

57 हजार हेक्टेयर में खड़ी फसलें डूबीं

रेवेन्यू और डिजास्टर मैनेजमेंट मिनिस्टर केकेएसएसआर रामचंद्रन ने कहा कि दितवाह चक्रवात की वजह से भारी बारिश और बाढ़ के साथ तेज हवाओं ने मुश्किल बढ़ा दी है. अब तक 149 मवेशी मारे जा चुके हैं. जबकि, 57,000 हेक्टेयर में खेती की जमीन बाढ़ के पानी में डूब गई है. चक्रवात की वजह सेकरीब 500 एकड़ धान की फसल खराब हो गई. जबकि, कई हजार एकड़ में फसल पानी में डूबी हुई है.

किसान ने बताया पानी कम न हुआ तो फसल सड़ जाएगी

तमिलनाडु के तिरुवरूर जिले की पुझुथिकुडी पंचायत के किसान के. राजेंद्रन ने अपने पांच एकड़ खेत से खराब हुई धान की कुछ टहनियां पकड़े हुए कहा कि अगर एक-दो दिन में पानी नहीं निकला, तो सब कुछ खत्म हो जाएगा. फसल खराब होने का यह अकेला मामला नहीं है. कावेरी डेल्टा के किसान शनिवार को परेशान थे क्योंकि साइक्लोन दितवाह के असर से लगातार बारिश होने से सांबा और थालेडी की खड़ी फसलें डूब गई हैं.

दितवाह चक्रवात से सबसे ज्यादा प्रभावित इलाके

लगातार तीसरे दिन तिरुवरूर, नागपट्टिनम, मयिलादुथुराई और पुदुक्कोट्टई के कुछ हिस्सों में बारिश हुई, जिससे निचले इलाकों के गांवों और लंबे समय से नज़रअंदाज़ किए गए सिंचाई चैनलों की कमजोरी सामने आई. इन हिस्सों से गुजरने वाली नदियां और नहरों का जलस्तर क्षमता से बाहर हो गया है. रेवेन्यू और डिजास्टर मैनेजमेंट मिनिस्टर ने कहा कि SDRF और NDRF समेत 28 डिजास्टर रिस्पॉन्स टीमें स्टैंडबाय पर हैं, और राहत के कामों में मदद के लिए दूसरे राज्यों से 10 और टीमें तमिलनाडु पहुंच रही हैं.

24 घंटे मदद के लिए कंट्रोल रूम बनाया गया

रविवार को एक ऑफिशियल बयान में कहा गया कि टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने साइक्लोन दितवाह की आशंका में कम्युनिकेशन नेटवर्क की मजबूती पक्का करने के लिए 24×7 कंट्रोल रूम बनाया है और बड़े कदम उठाए हैं. साइक्लोनिक तूफान पहले ही तमिलनाडु के कई हिस्सों में बारिश ला चुका है. और अगले 24 घंटों में इसके उत्तरी तमिलनाडु के समुद्र तट और पड़ोसी पुडुचेरी के समानांतर आगे बढ़ने की उम्मीद है.

38 राहत कैंप में पहुंचाए गए 2 हजार लोग

रेवेन्यू मिनिस्टर रामचंद्रन ने साइक्लोन दितवाह को देखते हुए राज्य की तैयारियों पर बात की और बताया कि कमजोर जिलों में 38 राहत कैंप बनाए गए हैं. पुदुक्कोट्टई में 9, मयिलादुथुराई और रामनाथपुरम में दो-दो, तिरुवरुर में 4, तंजावुर में दो, नागपट्टिनम में 10, रानीपेट और चेंगलपट्टू में एक-एक, और विलुप्पुरम में 7 कैंप बनाए गए हैं, जिनमें कुल मिलाकर 2,391 लोग रह रहे हैं.

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Published: 30 Nov, 2025 | 06:17 PM

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