फसलों के पोषण के लिए जरूरी है खाद, किसान जरूर करें असली उर्वरक की पहचान

मार्केट से खाद खरीदते समय असली और नकली की पहचान करना बहुत जरूरी है. अगर आपको नकली खाद मिल जाती है, तो फसलों का विकास रूक जाएगा.

अनामिका अस्थाना
नोएडा | Updated On: 26 Jul, 2025 | 07:08 PM

फसलों के बेहतर उत्पादन के लिए उन्हें सही खाद देना बहुत जरूरी है, ताकि फसल को सही और पर्याप्त मात्रा में पोषण मिल सके. आजकल बाजार में बहुत से ऐसे उर्वरक उपलब्ध हैं जिनका इस्तेमाल कर किसान अपनी फसलों को पोषण दे सकते हैं. लेकिन बहुत सी उर्वरक कंपनियां ऐसी भी हैं जो नकली उर्वरक बनाकर किसानों को बेच देती हैं. ऐसे में न केवल किसान का आर्थिक तौर पर नुकसान होता है बल्कि फसल भी बर्बाद होती है. इसलिए किसानों के लिए बेहद जरूरी है कि वे असली और नकली उर्वरक में अंतर करना सीख जाएं. बता दें कि कुछ आसान तरीके होते हैं जिनके इस्तेमाल से किसान असली उर्वरक की पहचान कर सकते हैं.

असली खाद की पहचान

उत्तर प्रदेश के कृषि विभाग के अनुसार किसान कुछ आसान से तरीकों से असली खाद की पहचान कर सकते हैं. सबसे पहले असली खाद की पहचान ये होती है कि असली खाद क्रिस्टल के जैसी दानेदार होती है. इसके दाने देखने में सफेद और चमकदार होते हैं. असली खाद की खासियत है कि इसमें किसी भी तरह की गंध नहीं होती है और ये खाद पूरी तरह से पानी में घुल जाती है. यानी अगर आपको असली खाद की पहचान करनी है तो आप खाद को पानी में डालकर चेक कर सकते हैं . अगर खाद पानी में पूरी तरह से घुल जाती है तो समझ लें कि खाद असली है.

मिट्टी जैसी होती है नकली खाद

आज के समय में बाजार में बहुत सी नकली खाद उपलब्ध हैं जिनकी पहचान कर पाना किसानों के लिए मुश्किल होता है. ऐसे में उत्तर प्रदेश कृषि विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार किसान आसानी से नकली खाद की पहचान कर सकते हैं. नकली खाद की पहचान करने के लिए सबसे पहले किसी बर्तन में पानी लें और उसमें खाद को डालें. अगर खाद पानी में पूरी तरह से नहीं घुलती है तो समझ लें कि खाद नकली है. इसके अलावा नकली खाद की ये भी पहचान है कि ये मिट्टी जैसी ढेलेदार होती है. इसके साथ ही नकली खाद देखने में हल्की भूरे रंग की होती है. बता दें कि नकली खाद से हल्की प्राकृतिक गंध आ सकती है जबकि असली खाद में किसी भी तरह की गंध नहीं होती है.

असली-नकली की पहचान क्यों है जरूरी

खाद के असली-नकली होने की पहचान करना इसलिए जरूरी है ताकि किसानों को अपनी फसलों के लिए सही पोषण मिल सकें, ताकि उन्हें अच्छी पैदावार मिलने के साथ ही मिट्टी की सेहत भी बनी रहे. असली खाद की पहचान इसलिए भी जरूरी है क्योंकि नकली खाद के इस्तेमाल से फसलों का पैदावार कम हो सकती है, मिट्टी की उर्वरता पर बुरा असर पड़ सकता है और किसानों को आर्थिक तौर पर भी नुकसान हो सकता है.

Published: 26 Jul, 2025 | 07:01 PM

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