जानिए क्या है काली जीरी और कैसे बढ़ाती है पशुओं का दूध

काली जीरी का स्वाद बेहद कड़वा होता है, जिससे पशु इसे सीधे नहीं खाते. ऐसे में आप काली जीरी को गुड़ या अन्य आहार के साथ मिलाकर दे सकते हैं.

नई दिल्ली | Updated On: 11 May, 2025 | 03:58 PM

भारत में पशुपालन एक अहम व्यवसाय है, और इसके साथ जुड़ी समस्याओं का सामना कई पशुपालक करते हैं. पशुओं की उत्पादकता और उनके स्वास्थ्य को बनाए रखना हमेशा एक बड़ी चुनौती रहती है. पशुपालक इन समस्याओं को हल करने के लिए कई उपायों की तलाश करते हैं, लेकिन कई बार वे ऐसे प्राकृतिक और सरल उपायों से अनजान रहते हैं जो उनके काम को आसान बना सकते हैं. एक ऐसा ही उपाय है काली जीरी.

काली जीरी, जिसे हम एक मसाले के रूप में जानते हैं. इसका इस्तेमाल केवल भोजन में ही नहीं होता, बल्कि इसका इस्तेमाल पशुओं के स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को हल करने के लिए भी किया जाता है. तो आइए जानते हैं, काली जीरी का इस्तेमाल कैसे पशुओं की उत्पादकता को बढ़ाने और उनकी समस्याओं का समाधान करने में मदद कर सकता है.

काली जीरी क्या है?

काली जीरी एक छोटा, काला और तीव्र स्वाद वाला बीज होता है, जिसे ज्यादातर मसाले के रूप में प्रयोग किया जाता है. हालांकि, इसका इस्तेमाल खाने में नहीं किया जाता, बल्कि यह पशुओं की कई समस्याओं को ठीक करने में काम आता है. काली जीरी का इस्तेमाल पशुओं के पेट के कीड़ों को खत्म करने, कब्ज, दस्त, स्किन प्रॉब्लम्स और कई अन्य समस्याओं से निपटने के लिए किया जाता है.

काली जीरी किस-किस समस्या में आती है काम?

काली जीरी का इस्तेमाल पशुओं को कई तरह की समस्याओं से राहत दिलाने के लिए किया जाता है. इसमें शामिल हैं:

कब्ज- यदि पशु को कब्ज की समस्या हो, तो काली जीरी इसका समाधान कर सकती है.

पेशाब न आना- जब पशु को पेशाब करने में समस्या हो, तो काली जीरी राहत प्रदान करती है.

दस्त- काली जीरी दस्त को रोकने में मदद करती है और पेट को आराम देती है.

त्वचा संबंधी समस्याएं- अगर पशु की त्वचा में समस्या हो, तो काली जीरी का इस्तेमाल फायदेमंद हो सकता है.

मुंह और नाक से पानी गिरना- यह भी एक सामान्य समस्या है, जिसमें काली जीरी मदद करती है.

इन सभी समस्याओं में काली जीरी का सेवन पशु के स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है. हालांकि, काली जीरी का स्वाद बेहद कड़वा होता है, जिससे पशु इसे सीधे नहीं खाते. ऐसे में आप काली जीरी को गुड़ या अन्य आहार के साथ मिलाकर दे सकते हैं, ताकि पशु इसे आसानी से खा सके.

काली जीरी से बढ़ता है दूध

यह एक सामान्य सवाल है कि काली जीरी से दूध बढ़ता है या नहीं. दरअसल, काली जीरी का सीधा असर दूध की उत्पादकता पर नहीं होता, लेकिन यह दूध बढ़ाने में सहायक हो सकती है. इसका कारण यह है कि काली जीरी मुख्य रूप से डीवॉर्मिंग के लिए इस्तेमाल की जाती है. जब पशु के पेट में कीड़े होते हैं, तो यह उसकी सेहत को प्रभावित करता है और दूध उत्पादन को कम कर सकता है.

काली जीरी का सेवन पशु के पेट के कीड़ों को मारता है और पेट को पूरी तरह से साफ करता है. इसके बाद, पशु स्वस्थ होता है और उसकी दूध उत्पादन क्षमता में सुधार होता है. इस तरह, काली जीरी अप्रत्यक्ष रूप से दूध की मात्रा बढ़ाने में मदद कर सकती है.

काली जीरी का इस्तेमाल

काली जीरी और गुड़ का मिश्रण- चूंकि काली जीरी का स्वाद कड़वा होता है, इसे गुड़ या किसी अन्य स्वादिष्ट आहार के साथ मिला सकते हैं, ताकि पशु इसे आसानी से खा सके.

संतुलित मात्रा में इस्तेमाल- काली जीरी का अधिक सेवन भी नुकसानकारी हो सकता है, इसलिए इसे उचित मात्रा में देना चाहिए.

काली जीरी का चूर्ण बनाकर देना- आप काली जीरी को पीसकर चूर्ण बना सकते हैं और फिर पशु को पिला सकते हैं.

Disclaimer- यह लेख सामान्य जानकारी के लिए है. कृपया चिकित्सक या एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

Published: 11 May, 2025 | 03:54 PM