देश में कोविड-19 महामारी के दौरान जब सबकुछ रुक सा गया था. लोग अपने घरों में कैद हो गए थे, उस समय हरियाणा की एक असिस्टेंट प्रोफेसर ने अपने पति के साथ मशरूम फार्म खोलने का फैसला किया. कोरोना महामारी के दिनों में उनका लिया गया एक फैसला आज उन्हें हर महीने 9 लाख की कमाई करा रहा है. हम बात कर रहे हैं हरियाणा की रहने वाली असिस्टेंट प्रोफेसर सोनिया दहिया की, जिन्होंने साल 2019 में अपने पति विजय दहिया के साथ मिलकर ‘डॉक्टर दहिया मशरूम फार्म’ की स्थापना की, जहां करीब हर महीने 9 से 10 टन मशरूम का उत्पादन होता है.
अपनी सोच से खड़ा किया मजबूत व्यवसाय
सोनिया दहिया दीनबंधु छोटू राम विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में बायोटेक्नोलॉजी की असिस्टेंट प्रोफेसर हैं. तकनीकी ज्ञान और सतत कृषि में रुझान होने के साथ ही उन्होंने अपने पति के साथ मिलकर साल 2020 में मशरूम की खेती की शुरुआत की. हालांकि इस व्यावसाय को शुरू करने से पहले उन्होने कई महीनों तक मशरूम के बाजार और खेती की प्रक्रिया पर गहन शोध किया. बता दें कि सोनिया दहिया और विजय दहिया ने अपनी 40 लाख की सेंविंग्स को इस व्यवसाय के लिए निवेश पर लगा दिया. इसके साथ ही उन्हें राज्य बागवानी विभाग की तरफ से मशरूम की खेती के लिए सब्सिडी भी मिली.
शुरु में आई चुनौतियां
बेटर इंडिया से बात करते हुए सोनिया और विजय दहिया ने बताया कि हर व्यवसाय की तरह उन्हें भी शुरुआत में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा. उन्होंने बताया कि शुरुआत में उन्होंने दो ग्रोइंग रूम बनाए और उनमें 5,600 मशरूम बैग लगाए.बाद में जब उन्हें बाजार से खरीदे गए कंपोस्ट की क्वालिटी को लेकर समस्याएं आने लगीं, तो उन्होंने 20 लाख रुपये और निवेश कर एक निजी कंपोस्ट यूनिट तैयार किया. वे बताते हैं कि साल 2022 आते-आते उन्होंने उत्पादन बढ़ाने के लिए दो और ग्रोइंग चैंबर जोड़ लिए.
कई तरह के मशरूम की खेती
दहिया दंपति ने बताया कि उनके मशरूम फार्म में साधारण बटन मशरूम के साथ-साथ ऑयस्टर, मिल्की और पोर्टोबेलो जैसी एक्सॉटिक किस्मों की भी खेती की जाती है. सोनिया बताती हैं कि उनके फार्म पर उगाई गई मशरूम की थोक बिक्री दिल्ली की आजादपुर मंडी में होती है. इसके अलावा, इनके पास सीधे ग्राहक भी हैं, जिनमें होटल, ढाबे, कैटरर और इवेंट वेन्यू शामिल हैं. जो कि हर दिन करीब 50 किलोग्राम मशरूम सीधे खरीदते हैं.
महिलाओं को दे रहीं रोजगार
हरियाणा की मशरूम लेडी के नाम से मशहूर सोनिया दहिया महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण का पूरा समर्थन करती हैं. वे बताती हैं कि उनके फार्म में करीब 20 ग्रामीण महिलाएं काम करती हैं जिन्हें स्थायी रोजगार मिला हुआ है. सोनिया की इस पहल से न केवल महिलाओं का आर्थिक विकास हो रही है बल्कि उनकी स्किल्स में भी सुधार आ रहा है. इसके अलावा अपने सफर और अनुभव को साझा करने के लिए सोनिया और विजय नए उद्यमियों और छात्रों के लिए नियमित रूप से ट्रेनिंग प्रोग्राम्स का आयोजन करते हैं. इनमें स्पॉन चयन, कंपोस्ट तैयार करना और मशरूम की खेती की पूरी प्रक्रिया सिखाई जाती है.
नए उद्यमियों के लिए प्रेरणा
सोनिया का मानना है कि व्यवसाय शुरू करने के लिए किसी सही समय का इंतजार नहीं करना चाहिए, बल्कि बल्कि शुरुआत करना ही सबसे बड़ा कदम होता है. सोनिया बताती हैं कि मशरूम की खेती करना मु्श्किल काम नहीं है और इसकी खेती उन लोगों के लिए अच्छा ऑप्शन है जो पारंपरिक नौकरी को छोड़कर खुद का काम शुरू करना चाहते हैं.