SMSP योजना में किसानों को मिल रहे बेस्ट बीज, उपज और आय बढ़ेगी

भारत सरकार ने बीज और रोपण सामग्री पर उप मिशन योजना शुरू की है, जिसका उद्देश्य किसानों को बेहतर क्वालिटी के बीज उपलब्ध कराना है. ताकि किसानों की उपज और आमदनी में सुधार हो सके.

नोएडा | Published: 23 May, 2025 | 10:51 PM

भारत सरकार किसानों की आय बढ़ाने और कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही है. ऐसी ही एक प्रमुख योजना है बीज और रोपण सामग्री पर उप मिशन (Sub-Mission on Seed and Planting Material – SMSP). यह योजना ग्रीन रेवोलुशन ‘कृषोन्नति योजना’ (Krishonnati Yojana)’ के अंतर्गत चलाई जा रही एक केंद्रीय प्रायोजित योजना है, जो वर्ष 2016-17 से देशभर में लागू है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को बेहतर गुणवत्ता के बीज उपलब्ध कराना है ताकि उनकी पैदावार और आमदनी में सुधार हो सके.

ग्रीन रेवोल्यूशन ‘कृषोन्नति योजना’ एक समग्र योजना है, जिसमें कुल 11 उप-योजनाएं शामिल हैं. इन योजनाओं का उद्देश्य कृषि से जुड़े क्षेत्रों को वैज्ञानिक तरीके से विकसित करना और किसानों को बेहतर लाभ दिलाना है. SMSP इसी उद्देश्य को लेकर बीज उत्पादन और गुणवत्ता सुधार में मदद करता है.

गांवों में 100 लाख क्विंटल बीजों का उत्पादन

इस योजना का उद्देश्य है कि किसानों को प्रमाणित और गुणवत्तापूर्ण बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए. साथ ही धान, चना, मूंगफली और कपास जैसी फसलों में बीज प्रतिस्थापन दर (Seed Replacement Rate – SRR) बढ़ाई जाए. इसके अलावा योजना का लक्ष्य है कि हर साल किसानों की भागीदारी से 60,000 गांवों में 100 लाख क्विंटल बीजों का उत्पादन किया जाए.

वहीं, SMSP (बीज और रोपण सामग्री पर उप मिशन) के अंतर्गत कई घटकों पर काम किया जा रहा है, जिनमें बीज गुणवत्ता नियंत्रण को तय करना, बीज परीक्षण प्रयोगशालाओं और ग्रो-आउट टेस्ट (GOT) सुविधाओं को मजबूत करना, बीज प्रमाणन एजेंसियों को सहायता बीज ग्राम कार्यक्रम, बीज प्रसंस्करण और स्टोरेज सुविधाएं, पूर्वोत्तर राज्यों में बीज परिवहन पर सब्सिडी, राष्ट्रीय बीज भंडार, जैव प्रौद्योगिकी का प्रयोग, सार्वजनिक-निजी भागीदारी को बढ़ावा देना, बीज निर्यात को प्रोत्साहन, अनुसंधान, अनुबंध अनुसंधान और नई किस्मों के में सहयोग प्रमुख हैं.

केंद्र और राज्य दे रहे वित्तीय सहायता

SMSP के तहत किसानों और संस्थाओं को विभिन्न मदों में 75 फीसदी केंद्र 25 फीसदी राज्य सरकार द्वारा वित्तीय सहायता दी जाती है. उदाहरण के लिए, बीज परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना के लिए 60 लाख रुपए तक, डीएनए फिंगरप्रिंटिंग लैब के लिए रुपए 70 लाख, बीज प्रसंस्करण इकाई के लिए रुपए 37.80 लाख तथा बीज स्टोरेज के लिए रुपए 10.50 लाख तक की सहायता दी जाती है.

1 एकड़ जमीन के लिए 75 फीसदी सब्सिडी

इस योजना के अंतर्गत किसानों को 1 एकड़ जमीन के लिए बीज पर 75 फीसदी सब्सिडी, बीज प्रमाणन शुल्क पर रुपए 600 प्रति हेक्टेयर तक की मदद, तथा बीज स्टोरेज व प्रसंस्करण हेतु 200 मीट्रिक टन तक की सुविधा मुहैया कराई जाती है.

कैसे करें आवेदन

इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान अपने संबंधित जिला कृषि अधिकारी / कृषि विकास अधिकारी / कृषि सर्किल कार्यालय में जाकर आवेदन कर सकते हैं. आवेदन के साथ निम्न दस्तावेज जरूरी हैं. जैसे की किसान की B1 खसरा नकल / लोन बुक, आधार नंबर, बैंक पासबुक का फोटो कॉपी आदि.