फार्म पौंड योजना की सब्सिडी राशि में बढ़ोतरी, अब किसान सिंचाई के साथ कर सकेंगे मछली पालन

सरकार ने प्लास्टिक लाइनिंग फार्म पौंड योजना में अनुदान राशि बढ़ाई है. इससे किसान सिंचाई, जल संरक्षण और मछली पालन जैसे कार्यों से लाभ कमा सकेंगे. आवेदन प्रक्रिया सरल है और न्यूनतम भूमि 0.3 हेक्टेयर होनी चाहिए.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 23 Aug, 2025 | 10:13 PM

खेती सिर्फ एक पेशा नहीं, बल्कि देश की रीढ़ है. किसान अगर मजबूत हो, तो देश भी मजबूत होता है. ऐसे में जब सरकार किसानों के हित में कोई फैसला लेती है, तो वह सिर्फ एक योजना नहीं होती, बल्कि लाखों किसानों की उम्मीदों का रास्ता बन जाती है. हाल ही में सरकार ने प्लास्टिक लाइनिंग फार्म पौंड योजना में बड़ा बदलाव करते हुए अनुदान राशि में उल्लेखनीय बढ़ोतरी की है. इस फैसले से न केवल किसान सिंचाई के लिए आत्मनिर्भर बन सकेंगे, बल्कि उनकी आय में भी कई गुना इजाफा होगा. आइए जानते हैं इस योजना से जुड़ी खास बातें.

अब किसानों को मिलेगा और ज्यादा फायदा

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने प्लास्टिक लाइनिंग फार्म पौंड योजना में किसानों को मिलने वाली अनुदान राशि में बढ़ोतरी कर दी है. अब तक इस योजना के अंतर्गत लघु और सीमांत किसानों को 1,05,000 रुपये तक का अनुदान मिलता था, जिसे अब बढ़ाकर 1,35,000 रुपये कर दिया गया है. वहीं अन्य सामान्य श्रेणी के किसानों को 90,000 रुपये की जगह अब 1,20,000 रुपये तक की सहायता राशि दी जाएगी.

  • इसके साथ ही कच्चे फार्म पौण्ड (बिना प्लास्टिक लाइनिंग वाले) पर भी अनुदान की व्यवस्था की गई है, जिसमें-
  • एससी/एसटी लघु व सीमांत किसान- 73,500 तक.
  • अन्य किसान- 63,000 तक का अनुदान.
  • इससे किसानों को अपने खेतों में पानी संग्रह करने में सुविधा मिलेगी और मानसून पर निर्भरता भी घटेगी.

पानी की बचत और सिंचाई में आत्मनिर्भरता

खेती का सबसे बड़ा संसाधन पानी है. यह योजना किसानों को जल संरक्षण की दिशा में सशक्त बनाएगी. प्लास्टिक लाइनिंग फार्म पौण्ड के माध्यम से किसान बारिश के पानी को स्टोर कर सकेंगे और जरूरत पड़ने पर इसका उपयोग सिंचाई के लिए कर सकेंगे. इससे खेतों को समय पर पानी मिलेगा और उत्पादन में बढ़ोतरी होगी. इस योजना से किसानों की सिंचाई लागत घटेगी और फसल की गुणवत्ता भी बेहतर होगी.

अतिरिक्त आय को मिलेगा बढ़ावा

प्लास्टिक लाइनिंग पौंड सिर्फ सिंचाई तक सीमित नहीं रहेगा, किसान इसका उपयोग मछली पालन, बतख पालन या बागवानी में सिंचाई जैसे अतिरिक्त आय के साधनों के लिए भी कर सकते हैं. यह योजना कृषि आधारित बहु-आय मॉडल को बढ़ावा देती है, जिससे किसान केवल फसल उत्पादन तक सीमित न रहकर विविध व्यवसायों से अपनी आय को कई गुना बढ़ा सकते हैं.

आवेदन प्रक्रिया और जरूरी दस्तावेज

इस योजना का लाभ उठाना अब पहले से कहीं ज्यादा आसान हो गया है. किसान ई-मित्र केंद्र के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. इसके लिए उन्हें निम्न दस्तावेजों की आवश्यकता होगी-

  • जमाबंदी की प्रति
  • खेत का नक्शा
  • जनआधार कार्ड और आधार कार्ड
  • सबसे खास बात यह है कि कम से कम 0.3 हेक्टेयर भूमि वाले किसान इस योजना का लाभ ले सकते हैं.

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगा बल

सरकार की यह योजना न सिर्फ किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने में मददगार है, बल्कि यह जल संरक्षण, प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है. यदि यह योजना गांव-गांव तक पहुंचे और ज्यादा से ज्यादा किसान इसका लाभ लें, तो यह प्रधानमंत्री के किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को साकार कर सकती है.

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Published: 23 Aug, 2025 | 10:09 PM

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