सर्दी में पशुओं को कैसे बचाएं? छोटी लापरवाही भी बना सकती है गंभीर बीमारी का बड़ा कारण

सर्दी के मौसम में पशुओं की देखभाल बेहद जरूरी होती है. ठंडी हवा, नमी और तापमान की गिरावट से वे जल्दी बीमार पड़ सकते हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, सही बचाव, गर्माहट, गुनगुना पानी और साफ-सुथरा स्थान देकर पशुओं को गंभीर बीमारियों से बचाया जा सकता है. थोड़ी सतर्कता से बड़ा नुकसान रोका जा सकता है.

Saurabh Sharma
नोएडा | Published: 26 Nov, 2025 | 07:22 PM

Winter Animal Care : ठंड का मौसम आते ही खेतों में धुंध, खेतों के किनारे जमा ओस और तेज हवा सिर्फ इंसानों को नहीं, बल्कि पशुओं को भी परेशान करती है. दिन में थोड़ी धूप भले मिल जाए, लेकिन रात की ठंड कई बार उनकी सेहत पर भारी पड़ जाती है. पशु विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि सर्दी के दिनों में की गई छोटी सी लापरवाही भी पशुओं में खतरनाक बीमारियों का कारण बन सकती है. खासकर निमोनिया जैसी बीमारी सर्दियों में तेजी से फैलती है, इसलिए बचाव ही सबसे बड़ा इलाज माना जा रहा है.

ठंड से बचाव जरूरी, नहीं तो बढ़ जाता है बीमारी का खतरा

मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि ठंड में बीमारियां  भले कम हों, लेकिन तापमान अचानक गिरते ही पशुओं में निमोनिया का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए उन्हें रात में खुले स्थान पर बिलकुल भी नहीं रखना चाहिए. तेज हवा, ओस और जमीन की ठंडक उनके शरीर का तापमान तेजी से गिरा देती है. विशेषज्ञों का कहना है कि जहां पशुओं को बांधा जाता है, वहां जमीन पर सूखी पत्तियां, पराली या खेत  की सूखी घास बिछानी चाहिए. इससे नीचे से आने वाली ठंडक कम हो जाती है और पशु गर्म वातावरण में आराम से रह पाते हैं.

गुनगुना पानी और सही पोषण से बढ़ती है रोग-प्रतिरोधक क्षमता

सर्दियों में पशुओं का पाचन तंत्र  ठंड के कारण धीमा पड़ सकता है. इसलिए उन्हें हमेशा गुनगुना पानी ही पिलाना चाहिए, ताकि उनका शरीर संतुलित और सक्रिय रहे. रिपोर्ट के अनुसार, समय-समय पर खनिज मिश्रण, नमक, विटामिन और आवश्यक सप्लीमेंट देना चाहिए, जिससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता लगातार बनी रहे. इससे वे मौसम बदलने पर भी जल्दी बीमार नहीं होते और दूध उत्पादन पर भी असर नहीं पड़ता.

साफ-सुथरा और हवादार स्थान ही रखेगा पशुओं को फिट

पशुओं के रहने वाली जगह जितनी साफ होगी, उनका स्वास्थ्य उतना बेहतर रहेगा. सर्दी में नमी तेजी से बढ़ती है, जो बीमारियों को जन्म देती है. इसलिए नियमित सफाई जरूरी है. विशेषज्ञों का कहना है कि पशुशाला में हवा  की उचित आवाजाही होनी चाहिए, ताकि नमी न जमे और संक्रमण फैलने की संभावना कम रहे. यदि जगह बंद और गीली हो जाएगी, तो खांसी, जुकाम और फेफड़ों की समस्याएं बढ़ सकती हैं, जो बाद में गंभीर रूप ले लेती हैं.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

Published: 26 Nov, 2025 | 07:22 PM

भारत में सबसे पहले सेब का उत्पादन किस राज्य में शुरू हुआ.

Side Banner

भारत में सबसे पहले सेब का उत्पादन किस राज्य में शुरू हुआ.