Bihar News: बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने सितंबर माह के लिए मत्स्य-पालकों को जरूरी सुझाव जारी किए हैं. इन सुझावों का पालन करने से मछलियों को बीमारियों से बचाया जा सकता है और उत्पादन बेहतर होगा. खासकर परजीवी (पारासाइटिक) संक्रमण से बचाव के लिए यह उपाय कारगर बताए गए हैं. सरकार का मानना है कि सही समय पर उठाए गए कदम से किसानों की मेहनत और लागत दोनों सुरक्षित रहेंगे.
मछलियों को संक्रमण से बचाना है पहली प्राथमिकता
मछलियों में अक्सर बारिश के मौसम में परजीवी संक्रमण की समस्या बढ़ जाती है. इससे मछलियां कमजोर हो जाती हैं और मरने का खतरा भी रहता है. इसी को देखते हुए विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि वे तालाब की साफ-सफाई और नियमित देखभाल पर ध्यान दें.
नमक के इस्तेमाल से होगी सुरक्षा
सरकार ने साफ कहा है कि मछलियों को संक्रमण से बचाने के लिए नमक का उपयोग बेहद कारगर है. इसके लिए किसानों को तालाब के पानी में हर दो महीने पर 40 किलो ग्राम प्रति एकड़ की दर से नमक घोलकर छिड़काव करना चाहिए. यह प्रक्रिया फसल चक्र में दो बार करना जरूरी बताया गया है. इससे मछलियों की सेहत पर सकारात्मक असर पड़ेगा.

बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग.
आहार में भी मिलाएं नमक
सिर्फ तालाब में नमक डालना ही काफी नहीं है, बल्कि मछलियों के पूरक आहार में भी इसका इस्तेमाल जरूरी है. विभाग ने कहा है कि किसान हर सप्ताह एक किलो पूरक आहार में 10 ग्राम नमक मिलाकर मछलियों को खिलाएं. इससे उनकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी और मछलियां ज्यादा स्वस्थ रहेंगी.
तालाब की सफाई और देखभाल पर जोर
मछलियों को बीमारियों से बचाने के लिए तालाब का साफ होना बेहद जरूरी है. बारिश के बाद पानी में गंदगी और हानिकारक तत्व मिल जाते हैं, जिससे बीमारियां फैलने लगती हैं. इस वजह से किसानों को समय-समय पर तालाब की सफाई करनी चाहिए. साथ ही, पानी का स्तर और गुणवत्ता भी जांचते रहना चाहिए.
सरकार का मकसद- सुरक्षित और ज्यादा उत्पादन
बिहार सरकार (Bihar Government) की यह पहल मत्स्य-पालकों को आर्थिक नुकसान से बचाने के साथ-साथ उन्हें बेहतर उत्पादन देने में मदद करेगी. अगर किसान इन निर्देशों का पालन करते हैं, तो न सिर्फ मछलियों का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा, बल्कि उनकी संख्या और वजन भी तेजी से बढ़ेगा. इससे उनकी आमदनी में भी इजाफा होगा.