भारत की बेस्ट सरसों किस्मों की लिस्ट, किसानों को कम लागत में मिलेगी बंपर उपज

Mustard Farming: कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि अगर किसान उन्नत किस्म के बीज जैसे गिर्राज, आरएच -749 और एनआरसीएचबी -506 का इस्तेमाल करें तो ज्यादा पैदावार और अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. जिन इलाकों में सिंचाई की सुविधा नहीं है, वहां के लिए भी कुछ खास किस्म की सिफारिश की गई है.

किसान इंडिया डेस्क
नोएडा | Published: 18 Dec, 2025 | 10:20 PM

Mustard Seeds: धान की कटाई के बाद किसान अब रबी सीजन की फसल में जुट गए हैं, इस सीजन में आलू और गेहूं की फसल के अलावा सरसों की खेती भी बड़े पैमाने पर की जाती है. कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि अगर किसान उन्नत किस्म के बीज जैसे गिर्राज, आरएच -749 और एनआरसीएचबी -506 का इस्तेमाल करें तो ज्यादा पैदावार और अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. जिन इलाकों में सिंचाई की सुविधा नहीं है, वहां के लिए भी कुछ खास किस्म की सिफारिश की गई है.

धान की कटाई के बाद किसान अब रबी सीजन की फसल में जुट गए हैं इस सीजन में आलू और गेहूं की फसल के अलावा सरसों की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि अगर किसान उन्नत किस्म के बीज और आधुनिक तकनीकों का प्रयोग करके खेती करेंगे तो कम लागत में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं. एग्रीकल्चर एक्सपर्ट ने बताया कि सरसों की पैदावार बढ़ाने में मिट्टी की गुणवत्ता, सिंचाई की उपलब्धता और बुवाई का समय पर होना बहुत ही जरूरी है. उन्होंने आगे बताया कि यदि किसान अपने क्षेत्र के अनुसार सही किस्म के बीज का चुनाव करते हैं तो सरसों की पैदावार बढ़ेगी और तेल की मात्रा में भी बढ़ोतरी होगी.

सिंचित क्षेत्र में सरसों की इन किस्म के बीजों से होगी बंपर पैदावार

जिन क्षेत्रों में सिंचाई की सुविधाएं उपलब्ध है, वहां के किसान सरसों की उन्नत किस्म के बीजों का प्रयोग करके अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं.

अधिक उपज और ज्यादा तेल उत्पादन वाली किस्में

गिर्राज, आरएच 1975, आर आरएच 749, एनआरसीडीआर 2 आरजीएन 73 और संकर किस्म एनआरसीएचबी-506.

रोग प्रतिरोधक किस्में

पीएम-25, पीएम- 27 पीएम- 28, पूसा तारक और पीआर 2006-1. ये सभी किस्में सघन खेती के लिए उपयुक्त हैं और अधिक पैदावार देती है.

कम सिंचाई वाले इलाकों के लिए सरसों की किस्में

जहां सिंचाई की सुविधा सीमित है वहां के किसानों को सरसों की ऐसी किस्म का चुनाव करना चाहिए जो कम पानी में भी अच्छी पैदावार दे. डीआरएमआर 1165-40, आरएच 1424, आरएच- 406 और आरजीएन-298.

देर से बुवाई के लिए उपयुक्त किस्में

बृजराज, राधिका, बीपीएम-11, एनआरसीएचबी- 101, आरजीएन 236, आरवीएम -2 और पीएम -261 जैसी कुछ किस्में है जो देरी से बोने पर भी अच्छी पैदावार देती है.

क्षारीय मिट्टी के लिए किस्में

इन क्षेत्रों में सीएस -58 और सीएस -601 कुछ ऐसी किस्में है जो इन क्षेत्रों के लिए उपयुक्त मानी जाती है.

सरसों की खेती: कम लागत में ज्यादा लाभ

एग्रीकल्चर एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरसों की खेती किसानों के लिए लाभदायक फसल होती है. यह फसल कम पानी में भी अच्छी पैदावार देती है और सूखे क्षेत्रों में भी आसानी से उगाई जा सकती है. सरसों का उपयोग तेल, मसाले, पशुचारा और औषधि उत्पादों में होता है. इसलिए इसकी मार्केट में मांग पूरे साल बनी रहती है. सरकार भी किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए बीज, खाद और सिंचाई उपकरणों पर सब्सिडी दे रही है.

कृषि विशेषज्ञ कहते हैं कि अगर किसान समय पर बुवाई, उचित सिंचाई और उन्नत किस्म के बीजों का प्रयोग करते हैं, तो प्रति हेक्टेयर 20 से 25 क्विंटल तक उत्पादन आसानी से प्राप्त कर सकते हैं.

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Published: 18 Dec, 2025 | 10:20 PM
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