केले की फसल में लग जाए रोग तो इस तरह करें इलाज, बिहार कृषि विभाग ने जारी की एडवाइजरी

पनामा विल्ट एक ऐसा खतरनाक रोग है, जिसके प्रकोप से केले की निचली पत्तियां या पौधे अचानक से सूखने लगते हैं. इसके संक्रमण से पत्तियां पीली होने लगती हैं.

अनामिका अस्थाना
नोएडा | Published: 23 Aug, 2025 | 10:00 PM

केला एक बेहद ही महत्वपूर्ण फलदार फसल है, जिसकी खेती भारत के किसान बड़े पैमाने पर करते हैं.  यह विटामिन, खनिज और ऊर्जा का अच्छा स्रोत है. किसानों को इसकी खेती से अच्छी पैदावार मिलने के साथ-साथ उनकी आमदनी भी बढ़ती है. लेकिन कई बार सही देखभाल न होने के कारण केले की फसल में कई खतरनाक रोगों का संक्रमण हो जाता है, जो न केवल पौधे की ग्रोथ को रोकता है बल्कि किसानों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ता है. ऐसे में किसानों के लिए बेहद जरूरी है कि वे समय रहते इन रोगों से फसल को बचाने का उपाय कर लें. बिहार कृषि विभाग ने किसानों के लिए कुछ एडवाइजरी जारी की है जिसकी मदद से किसान अपनी केले की फसल को रोगों से बचा सकेंगे.

पीला सिगाकोटा से ऐसे करें बचाव

पीले सिगाकोटा रोग के संक्रमण के दौरान केले के नए पत्तों के ऊपरी भाग में हल्का पीली या धारीदार लाइन दिखने लगती है जिसके चलते आगे जाकर ये धब्बे का रूप ले लेते हैं और भूरे रंग के हो जाते हैं. इन धब्बों के बीच का हिस्सा हल्का कत्थई रंग का होता है. पीले सिगाकोटा से केले की फसल को बचाने के लिए खेत में पानी को न जमने दें. अगर खेत में पानी जमा हो गया है तो नालियां बनाकर पानी को निकाल दें. इसके अलावा प्रति एकड़ की दर से 1 किलोग्राम ट्राइकोडर्मा विरिड को 25 किलोग्राम गेबर की खाद के साथ मिलाकर मिट्टी का उपचार करें.

काला सिगाकोटा से पत्तियां होती हैं काली

बिहार कृषि विभाग द्वारा जारी की गई एडवाइजरी के अनुसार, बारिश के दिनों में ज्यादा तापमान के कारण केले की पत्तियों के निचले हिस्से पर काले धब्बे और धारीदार लाइनें दिखने लगती हैं. इस रोग के संक्रमण से केले की फसल अपनी अवधि पूरा करने से पहले ही पक जाती है. इस रोग के संक्रमण से फसल को बचाने के लिए किसान केमिकल कीटनाशकों का इस्तेमाल कर सकते हैं. कॉपर ऑक्सीक्लोराईड 50 प्रतिशत का 2.5 ग्राम को प्रति लीटर पानी में मिलाकर फसल पर इसका छिड़काव करें.

पनामा विल्ट से रंगहीन हो जाती है पत्तियां

पनामा विल्ट एक ऐसा खतरनाक रोग है, जिसके प्रकोप से केले की निचली पत्तियां या पौधे अचानक से सूखने लगते हैं. बता दें कि, इसके संक्रमण से पत्तियां पीली होने लगती हैं और आगे जाकर रंगहीन हो जाती हैं. इसके अलावा तने के अंदर से सड़ी हुई मछली की दुर्गंध आती है. पनामा विल्ट रोग से केले की फसल को बचाने के लिए कार्बेन्डाजिम 50 प्रतिशत का 1 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर इस मिश्रण को फसल पर छिड़कें.

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