
ठंड में गाय-भैंस की पाचन क्रिया कमजोर पड़ जाती है, जिससे वे कम दूध देती हैं. रोजाना चारे में 50 ग्राम सेंधा नमक मिलाने से पाचन शक्ति बेहतर होती है और शरीर को ज़रूरी मिनरल्स भी मिल जाते हैं. इसका सीधा असर दूध उत्पादन पर पड़ता है.

पशु चिकित्सकों के अनुसार जिन पशुओं से सामान्यतः 3–4 लीटर दूध मिलता है, वे इस नुस्खे से 6–7 लीटर दूध देने लगते हैं. ठंड के मौसम में जब दूध उत्पादन अक्सर गिर जाता है, तब यह तरीका दूध बढ़ाने का सबसे आसान और सुरक्षित उपाय साबित होता है.

सर्दियों में पशुओं की ऊर्जा जरूरत बढ़ जाती है क्योंकि शरीर ठंड से लड़ने में अधिक शक्ति खर्च करता है. रोजाना चारे में 250 ग्राम गुड़ मिलाने से उनकी बॉडी में गर्माहट बनी रहती है, खून का संचार बेहतर होता है और कमजोरी दूर होती है.

रात के समय तापमान अचानक गिर जाता है, जो पशुओं के लिए नुकसानदायक होता है. ऐसे में उनके पास हल्का अलाव जलाना या उन्हें टाट के बोरे/कंबल से ढकना बेहद जरूरी है. इससे वे ठंड से सुरक्षित रहते हैं, बीमारियां दूर रहती हैं और पाचन भी ठीक रहता है, जिसका सीधा फायदा दूध पर दिखाई देता है.

जहां पशु रहते हैं, वहां गंदगी, नमी या जमा पानी होने पर इन्फेक्शन तेजी से फैलता है—और ठंड में इसका खतरा कई गुना बढ़ जाता है. इसलिए शेड को रोजाना साफ करें, बिछावन बदलें और गीले हिस्सों को तुरंत सूखा करें. साफ माहौल में रहने वाले पशु ठंड कम झेलते हैं और लगातार अच्छा दूध देते हैं.

सर्दियों में खराब या गला-सड़ा चारा पशुओं में बीमारी का सबसे बड़ा कारण बनता है. चारा देते समय ध्यान रखें कि उसमें कोई कीड़ा, फफूंदी या जहरीला पदार्थ न हो. पौष्टिक और साफ चारा देने से पशुओं की इम्यूनिटी बढ़ती है.