रोज़ाना इस्तेमाल की गई चाय पत्ती को फेंकने के बजाय पानी से अच्छी तरह धो लें और फिर दो दिन धूप में सुखा लें. इसे पौधों की मिट्टी में मिलाने से पौधे तेजी से बढ़ते हैं और उनकी जड़ों को मजबूती मिलती है. यह सस्ती और प्रभावी प्राकृतिक खाद है.
अक्सर हम इन्हें कचरे में फेंक देते हैं, लेकिन यह पौधों के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं. इन्हें इकट्ठा कर पन्नी या डिब्बे में रखें और समय-समय पर मिट्टी में मिलाएं. इससे पौधों को नेचुरल पोषण मिलता है और मिट्टी की उर्वरता भी बढ़ती है.
केला, संतरा, सेब या अनार के छिलके जब आप सुखाकर मिट्टी में मिलाते हैं, तो ये पौधों को विटामिन और मिनरल्स देने का काम करते हैं. इससे पौधे हरे-भरे रहते हैं और उनकी पत्तियों में चमक भी आती है.
रसोई का कचरा जैसे चाय पत्ती या फलों के छिलके सीधे मिट्टी में डालने से कीड़े लग सकते हैं. इसलिए इन्हें पहले धूप में सुखाना जरूरी है. सुखाने के बाद ही जब आप इन्हें मिट्टी में मिलाते हैं, तो खाद जल्दी असर करती है और पौधों को फायदा मिलता है.
जब भी आप सूखे किचन वेस्ट को पौधों की मिट्टी में मिलाएं, तो उसके बाद हल्का पानी डालना न भूलें. इससे खाद मिट्टी में अच्छी तरह घुल जाती है और पौधों की जड़ों तक आसानी से पोषण पहुंचता है.
इस तरीके से न केवल आपका रसोई का कचरा उपयोगी बन जाएगा बल्कि पौधों को पूरी तरह ऑर्गेनिक पोषण भी मिलेगा. इससे आप महंगी केमिकल वाली खाद खरीदने से बचेंगे और आपके पौधे लंबे समय तक स्वस्थ रहेंगे.