उत्तराखंड की पहाड़ी खेती को अब जंगली जानवरों से राहत मिलने वाली है. दिल्ली में हुई एक अहम बैठक में केंद्र सरकार ने इस दिशा में ठोस मदद का भरोसा दिलाया है. बैठक में केंद्रीय कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शामिल हुए. चर्चा का केंद्र था उत्तराखंड की पहाड़ी खेती, जंगली जानवरों से फसलों को हो रहा नुकसान और इससे जुड़ी जरूरतें.
घेराबंदी के लिए मिलेगा विशेष फंड
बैठक में मुख्यमंत्री धामी ने कि सीमावर्ती और पहाड़ी इलाकों में जंगली जानवरों से फसल को बड़ा नुकसान होता है, जिससे ग्रामीण पलायन को मजबूर हो जाते हैं. इस पर केंद्रीय मंत्री चौहान ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और एकीकृत बागवानी विकास मिशन (MIDH) के तहत खेतों की घेराबंदी (फेंसिंग) के लिए उत्तराखंड को विशेष धनराशि देने की बात कही.
श्रीअन्न और पारंपरिक फसलों को मिलेगा बढ़ावा
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि उत्तराखंड में मंडुआ और झिंगोरा जैसी पारंपरिक फसलों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार पूरी मदद देगी. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और पोषण मिशन (NFSM) के तहत आर्थिक सहायता दी जाएगी, ताकि किसान इन श्रीअन्न फसलों की खेती करें. इससे न केवल किसानों की आमदनी बढ़ेगी, बल्कि पौष्टिकता से भरपूर इन फसलों को फिर से लोकप्रिय बनाने में भी मदद मिलेगी.
सेब, कीवी और ड्रैगन फ्रूट की खेती पर जोर
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्पष्ट किया कि उत्तराखंड में सेब की हाई डेंसिटी खेती को बढ़ावा देने के लिए उन्नत नर्सरी, कोल्ड स्टोरेज, ग्रेडिंग और पैकेजिंग जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी. उन्होंने यह भी साझा किया कि राज्य की जलवायु कीवी और ड्रैगन फ्रूट जैसी फसलों के लिए बेहद अनुकूल है. इन फसलों को नगदी खेती के रूप में बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार सहायता देगी. ड्रैगन फ्रूट की खास बात है कि यह जल्दी खराब नहीं होता और इसे जंगली जानवर भी नुकसान नहीं पहुंचाते.
सुपर फूड्स के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस
उत्तराखंड सरकार ने शहद, मशरूम और एक्जोटिक सब्जियों के लिए ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ स्थापित करने की मांग की थी, जिसे केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंजूरी दे दी है. इसे केंद्र के जरिए किसानों को आधुनिक तकनीक का प्रशिक्षण मिलेगा और उनकी उपज को बाजार से बेहतर जोड़ मिल सकेगा.
ग्रामीण विकास में भी सहयोग
कृषि मंत्री ने बैठक में बताया कि उत्तराखंड ने प्रधानमंत्री आवास योजना के सारे लक्ष्य पूरे कर लिए हैं. इसके अलावा, नए लाभार्थियों का सर्वे पूरा हो चुका है और जल्द ही उसका वेरिफिकेशन भी हो जाएगा. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तीसरे चरण में बेहतर काम हुआ है, इसलिए चौथे चरण के प्रस्ताव को मंजूरी दी जाएगी.
यही नहीं, उन्होंने लखपति दीदी योजना और मनरेगा में राज्य की प्रगति की सराहना की और बताया कि उत्तराखंड ने पहले से तय लक्ष्य पूरे कर लिए हैं और अब नए लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है.