UP में किसानों से संवाद करेगी वैज्ञानिकों की टीम, गांव-गांव घूमकर देगी इसकी जानकारी

IIVR के निदेशक डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि यह खरीफ-पूर्व सघन किसान संवाद कार्यक्रम कृषि और पोषण सुरक्षा के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगा.

वेंकटेश कुमार
नोएडा | Updated On: 21 May, 2025 | 08:52 PM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘प्रयोगशाला से खेत तक’ के आह्वान पर केंद्र सरकार ने 29 मई से 12 जून तक ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ शुरू किया है. इसके तहत देशभर में कृषि वैज्ञानिक गांव-गांव जाकर किसानों से सीधे संवाद कर रहे हैं. इस ऐतिहासिक पहल में वाराणसी स्थित भारतीय सब्ज़ी अनुसंधान संस्थान (IIVR) के 50 वैज्ञानिक हिस्सा ले रहे हैं. ये वैज्ञानिक उत्तर प्रदेश के 6 जिलों वाराणसी, सोनभद्र, चंदौली, मिर्ज़ापुर, संत रविदास नगर और कुशीनगर – के करीब 46,800 किसानों से सीधा संवाद करेंगे.

संस्थान के निदेशक डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि यह खरीफ-पूर्व सघन किसान संवाद कार्यक्रम कृषि और पोषण सुरक्षा के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगा. इससे खरीफ फसलों के साथ-साथ सब्ज़ी उत्पादन से जुड़े किसानों को भी नई दिशा और जानकारी मिलेगी. खास बात यह है कि IIVR के नेतृत्व में प्रत्येक जिले में 3 टीमों का गठन किया गया है, जिसमें वैज्ञानिकों के साथ-साथ कृषि विभाग, कृषि विज्ञान केंद्र, प्रगतिशील किसान और अन्य संबंधित संस्थान के लोग भी शामिल रहेंगे. प्रत्येक टीम प्रतिदिन 200 किसानों से संवाद करेगी, जिससे 13 दिनों में 6 जिलों के 46,800 किसानों तक सीधा संवाद होगा. इससे किसानों को खरीफ की फसलों के बारे में वैज्ञानिक दृष्टिकोण और उन्नत फसलों की जानकारी मिलेगी.

इसके बारे में दी जाएगी जानकारी

संवाद के दौरान वैज्ञानिक बातों पर फोकस किया जाएगा, जिसमें गांव और किसानों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति की जानकारी, कौन-कौन सी प्रमुख फसलें उगाई जाती हैं, जमीन का उपयोग कैसे होता है, सिंचाई के क्या-क्या साधन हैं, फसल चक्र कैसे चलता है, खरीफ फसलों और सब्ज़ियों का इलाकेवार उत्पादन कितना हैं.साथ ही वैज्ञानिकों की टीमें किसानों से उनकी प्रमुख समस्याओं पर सीधी बात करेंगी. इसमें जलवायु परिवर्तन की चुनौतियां, खरीफ की मुख्य फसल धान और सब्जी उत्पादन व बिक्री में आ रही दिक्कतें, कीट और रोगों का प्रबंधन, फसल कटाई के बाद होने वाला नुकसान और बाजार व दाम से जुड़ी समस्याएं भी शामिल हैं.

कृषि व्यवसायों पर भी चर्चा

किसानों की कमाई बढ़ाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए वैज्ञानिक टीमें खरीफ फसलों और सब्जी उत्पादन के साथ-साथ अन्य कृषि व्यवसायों पर भी चर्चा करेंगी. इनमें मशरूम उत्पादन और उसका मूल्य-वृद्धि, मधुमक्खी पालन और उसके उत्पादों का प्रसंस्करण, सब्ज़ी पौधशालाओं में नर्सरी प्रबंधन, सब्ज़ी पौधों की ग्राफ्टिंग तकनीक और सब्ज़ियों के विभिन्न उत्पादों में मूल्य संवर्धन शामिल हैं.

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Published: 21 May, 2025 | 08:51 PM

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