रबी सीजन से पहले फिर खेतों में उतरेंगे वैज्ञानिक, किसानों से करेंगे सीधा संवाद.. जानें पूरी प्लानिंग

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि पहले भारत के बारे में यह छवि थी कि हम कभी खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर नहीं बन सकते, लेकिन आज यह छवि पूरी तरह से धूमिल हो गई है. अब खाद्यान्न के मामले में भारत रिकॉर्ड कायम कर रहा है.

Kisan India
नोएडा | Published: 7 Jul, 2025 | 08:24 PM

Viksit Krishi Sankalp Abhiyan: एक बार फिर से ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ की शुरुआत होगी और वैज्ञानिक लैब से निकलकर खेतों में किसानों से सीधा संवाद करेंगे. ये अभियन रबी सीजन से पहले होगा और दो दिनों तक चलेगा. पहले दिन रूपरेखा तय होगी और दूसरे दिन राज्यों के कृषि मंत्री तय रूपरेखा को अनुमोदित करते हुए कार्ययोजना को अंतिम रूप देंगे. क्योंकि विकसित भारत के लिए विकसित खेती और समृद्ध किसान जरूरी है. इसके लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. ये कहना है कि केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का.

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की 96वीं वार्षिक आम बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों के सहयोग के बिना कृषि की उन्नति के प्रयास अधूरे हैं. केंद्र व राज्यों को मिलकर कृषि क्षेत्र के लिए काम करना होगा. केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमारे मार्गदर्शक हैं. उनके विजन और नेतृत्व में पिछले वर्षों में खाद्यान्न उत्पादन में आश्चर्यजनक बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने कहा कि एक समय था जब हमें पेट भरने के लिए खराब क्वालिटी वाला गेहूं अमेरिका से आयात करना पड़ता था.

खाद्यान्न के मामले में भारत कायम कर रहा रिकॉर्ड

कृषि मंत्री ने कहा कि पहले भारत के बारे में यह छवि थी कि हम कभी खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर नहीं बन सकते, लेकिन आज यह छवि पूरी तरह से धूमिल हो गई है. अब खाद्यान्न के मामले में भारत रिकॉर्ड कायम कर रहा है. इससे अन्न के भंडार भर रहे हैं. शिवराज सिंह चौहान ने इन उपलब्धियों के लिए कृषि वैज्ञानिकों को बधाई दी और कहा कि हमारे सामने ग्लोबल वार्मिंग सहित कई चुनौतियां हैं. इसे ध्यान में रखते हुए वैज्ञानिकों को काम करना होगा. चौहान ने कहा कि खेतों में काम करने वाले किसान हमारे मार्गदर्शक हैं. ऐसे में ज्ञानिकों को कृषि का ज्ञान व्यवहारिक ज्ञान के रूप में किसानों तक पहुंचाना चाहिए.

फिर से शुरू होगा ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’

उन्होंने कहा कि सोयाबीन, दलहन, तिलहन में और अधिक शोध व काम की जरूरत है. साथ ही गेहूं, चावल, मक्का और अन्य फसलों के उत्पादन में वृद्धि को लेकर तेजी से प्रयास करने होंगे. शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि फसलवार बैठकों का क्रम शुरू किया जा चुका है. रबी सीजन से पहले राज्यों के साथ मिलकर फिर से ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के जरिए किसानों तक विज्ञान को ले जाने की कोशिश होगी. इस बार रबी सम्मेलन दो दिन का होगा. पहले दिन रूपरेखा तय होगी. दूसरे दिन राज्यों के कृषि मंत्री तय रूपरेखा को अनुमोदित करते हुए अंतिम कार्ययोजना को रूप देंगे. उन्होंने कहा कि भारत की माटी की उर्वरक क्षमता अतुलनीय है.

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