गुजरात के गिर जंगलों से निकलकर अब दुनिया भर में छा चुकी है गिर गाय. इसकी पहचान है – लंबा-चौड़ा शरीर, झुकी हुई गर्दन, घुटनों तक झूलते बड़े-बड़े कान और हल्का लाल या चॉकलेटी भूरा रंग. लेकिन इसकी असली पहचान है दूध में दम और मुनाफे में दमदार. गिर गाय सिर्फ भारत ही नहीं, ब्राजील,अमेरिका और इजराइल तक में मशहूर है.
गिर गाय का दूध सिर्फ दूध नहीं, औषधि है
गिर गाय का दूध आम गायों के दूध जैसा नहीं होता. ये ए2 प्रोटीन से भरपूर होता है. वही प्रोटीन, जिसे पचाने में दिक्कत नहीं होती, जिससे पेट का गुलशन गुलजार रहता है. और यही वजह है कि गिर गाय का दूध आम गायों के दूध से तीन गुना महंगा बिकता है.अब एक और मजेदार बात जानिए ब्राजील में गिर गाय का दूध बोतल बंद होकर बिकता है और इसके दाम जानेंगे तो माथा पकड़ लेंगे क्योंकि ब्राजील में 200-300 रुपये प्रति लीटर.
बात करें गिर गाय के दूध की ताकत की तो बीमारियों से लड़ने में गिर गाय का दूध रामबाण है. क्योंकि इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड और बीटा-कैसोमॉर्फिन नामक तत्व होते हैं, जो दिल और दिमाग के लिए फायदेमंद हैं. इसके अलावा गिर गाय का दूध डायबिटीज, हृदय रोग और हाई ब्लड प्रेशर में राहत देता है.
क्या खास बनाती है गिर गाय को?
गिर गाय का रंग हल्का लाल या चॉकलेटी भूरा होता है. इसकी चमड़ी ढीली होती है, जिससे यह गर्मी को आसानी से झेल लेती है.कान बड़े-बड़े, लटके हुए. ये कान सिर्फ देखने में नहीं, काम में भी बड़े होते हैं. कानों के अंदरूनी बाल धूल और कीड़े-मकौड़ों को रोकते हैं. गिर गाय की आंखों के ऊपर गहरा काला घेरा होता है, जो उसे चिलचिलाती धूप में भी तेज रोशनी से बचाता है.
गिर गाय क्यों पालें?
गिर गाय को भारत में दूध उत्पादन के लिए सबसे अच्छी नस्ल माना जाता है. इसकी खासियत सिर्फ दूध देने में ही नहीं, बल्कि लंबी उम्र और कमाई में भी जबरदस्त है. गिर गाय का जीवनकाल 12 से 15 साल होता है और इस दौरान यह 6 से 12 बछड़ों को जन्म देती है.अब ज़रा गणित देखिए – अगर गिर गाय रोजाना सिर्फ 12 लीटर दूध भी देती है, तो 30 दिन में 360 लीटर दूध का उत्पादन करती है.यानी सालभर में इसका आंकड़ा 4000 लीटर के आसपास पहुंच जाता है.इतना ही नहीं अगर गाय की देखभाल अच्छी हो और दूध का उत्पादन बढ़कर 15-18 लीटर प्रतिदिन हो जाए,तो मुनाफा और बढ़ जाता है.