महंगे नेट और दवाओं से छुटकारा, अब देसी नुस्खे से होगी फसल की रखवाली

नीम और गोबर से बना देसी घोल खेतों को नीलगाय, सुअर, बंदर और कीटों से बचाने में कारगर है. यह उपाय सस्ता, जैविक और आसानी से घर पर तैयार किया जा सकता है.

Kisan India
नोएडा | Published: 25 Aug, 2025 | 09:20 PM

किसानों के लिए फसल उगाना जितना मुश्किल है, उससे भी बड़ी चुनौती उसे सुरक्षित रखना बन गई है. जंगली जानवर जैसे नीलगाय, सुअर, बंदर और आवारा मवेशी खेतों में घुसकर पूरी मेहनत पर पानी फेर देते हैं. किसान दिन-रात खेतों की निगरानी करते हैं, महंगी फेंसिंग लगाते हैं और कीटनाशक दवाएं छिड़कते हैं, लेकिन इन सबके बावजूद नुकसान रुक नहीं पाता.

अब इस समस्या का एक सस्ता, देसी और कारगर समाधान कृषि वैज्ञानिकों ने सुझाया है, जिसे अपनाकर किसान जानवरों और कीटों दोनों से छुटकारा पा सकते हैं.

नीम और गोबर से बना देसी घोल है असरदार उपाय

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, खेतों की रक्षा के लिए एक घरेलू घोल बहुत ही कारगर साबित हो सकता है. इस घोल को बनाने के लिए किसी भी महंगे रसायन या उपकरण की जरूरत नहीं पड़ती. इसके लिए सिर्फ नीम की पत्तियां और गोबर की जरूरत होती है, जो हर किसान के पास आसानी से उपलब्ध होते हैं.

इस देसी घोल को बनाने की विधि:-

इस देसी उपाय को तैयार करने के लिए सबसे पहले 1 किलो नीम की ताजे पत्तियों को अच्छी तरह पीस लें. फिर उसमें 1 किलो गोबर मिलाएं और उसके बाद 20 लीटर पानी डालकर अच्छे से मिला लें. इस तैयार मिश्रण को 10 घंटे तक ढककर किसी छायादार स्थान पर रख दें. तय समय के बाद इस घोल को खेत में छिड़काव के रूप में प्रयोग करें. नीम की कड़वाहट और गोबर की तेज गंध इतनी प्रभावशाली होती है कि नीलगाय, सुअर, बंदर और अन्य आवारा जानवर खेत के पास भी नहीं भटकते. यह मिश्रण कीटों को भी दूर भगाता है.

जानवर ही नहीं, कीटों से भी मिलेगी राहत

यह देसी घोल सिर्फ जानवरों को ही नहीं भगाता, बल्कि यह फसल को कीटों से भी बचाता है. नीम में पाए जाने वाले प्राकृतिक तत्व कीटों और बीमारियों के खिलाफ बहुत प्रभावशाली होते हैं. खेत में इस घोल के छिड़काव से पत्तियों पर कीड़े नहीं बैठते, जिससे फसल की ग्रोथ पर अच्छा असर पड़ता है. साथ ही, यह तरीका पूरी तरह जैविक (ऑर्गेनिक) होने की वजह से मिट्टी की गुणवत्ता को भी बनाए रखता है. इससे अगली फसलों की पैदावार पर भी कोई बुरा असर नहीं पड़ता, बल्कि उत्पादन बेहतर हो सकता है.

कम खर्च में बड़ा फायदा, किसान खुद बना सकते हैं घोल

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह तरीका किसानों के लिए इसलिए भी खास है क्योंकि इसमें किसी तरह का खर्च नहीं आता. आमतौर पर किसान तारबंदी, रसायन और दवाओं पर हजारों रुपये खर्च कर देते हैं, फिर भी संतोषजनक परिणाम नहीं मिलते. वहीं, यह घोल घर पर ही तैयार किया जा सकता है और इसमें पैसे भी नहीं लगते. अगर किसान चाहें, तो इस घोल में लहसुन की कलियां या करंज के बीज भी मिला सकते हैं. इससे इसकी गंध और भी तेज हो जाएगी, जिससे जानवर और ज्यादा दूर रहेंगे. यह 100 फीसदी प्राकृतिक तरीका है जो फसल, मिट्टी और पर्यावरण- तीनों के लिए फायदेमंद है.

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Published: 25 Aug, 2025 | 09:20 PM

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