फसलों का उत्पादन बढ़ाने, कीटों और खरपतवार को खत्म करने समेत अन्य फसल संबंधी बीमारियों को दूर करने के नाम पर देश में 30 हजार से अधिक दवाइयां और उत्पाद बन रहे हैं. लेकिन, इन दवाइयों में काम की केवल 642 ही हैं. किसानों को ज्यादा उपज का लालच देकर ठगने का काम किया जा रहा है. इसका खुलासा होने पर केंद्रीय कृषि मंत्री ने अभियान शुरू करने की घोषणा की है.
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान आज भोपाल में भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (IISER) के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए और यहां के 423 छात्र-छात्राओं को डिग्रियां दीं. उन्होंने युवाओं से कृषि में रिसर्च, स्टार्टअप और इंटीग्रेटेड फार्मिंग पर फोकस करने और इसका विस्तार करने पर जोर देने की अपील की. कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि का योगदान अर्थव्यवस्था में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और इसे बढ़ाने पर हमारा जोर है.
30 हजार दवाइयों में 642 ही कारगर
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि देश में करीब 30,000 दवाईयां बनती हैं लेकिन उनमें से 642 दवाईयां हैं जो फसल में डालने से फायदा है. उन्होंने कहा कि कुछ अभी प्रयोग किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि घटिया और नकली कृषि उत्पादों के जरिए किसानों को ठगने वाले और कृषि को नुकसान पहुंचाने वालों पर नकेल कसी जाएगी.
नकली दवाई, नकली खाद-बीज बिकने नहीं देंगे
कृषि मंत्री ने कहा कि घटिया और नकली उत्पादों की रोकथाम के लिए एक अभियान चल रहा है, ताकि किसान को जो मिलेगा वो शुद्ध मिलेगा और उनके लिए जो उपयोगी है वही उनको मिलेगा. हम नकली दवाई, नकली बीज, नकली उर्वरक देश में चलने नहीं देंगे इस अभियान में हम लगे हुए हैं. इससे पहले भी कृषि मंत्री ने कहा था कि ऐसे घटिया उत्पादों की रोकथाम के लिए वह नियमों में संशोधन करा रहे हैं.
खेती से कमाई के लिए इंटीग्रेटेड मेथड सबसे बेस्ट
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसानों की कमाई बढ़ाने के लिए इंटीग्रेटेड फार्मिंग सबसे उत्तम विकल्प बनकर उभरा है. इससे किसान एक साथ कई फसलों की खेती कर रहे हैं और साथ में पशुपालन करके अच्छी आमदनी हासिल कर पा रहे हैं. उन्होंने छात्रों से कहा कि वे किसानों के लिए इंटीग्रेटेड फार्मिंग को और सरल और बेहतर बनाएं. छोटे और संसाधन सीमित किसानों के लिए इंटीग्रेटेड फार्मिंग पर जोर देना होगा.
किसानों को घर-खेत में जागरूक करेंगे वैज्ञानिक-अधिकारी
कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों को घटिया और नकली खाद या दूसरे कृषि उत्पादों के नुकसान और सही तरीके से खेती करने के प्रति जागरूक करने के लिए रबी सीजन के लिए कृषि विकसित संकल्प अभियान 2.0 का शुभारंभ 3 अक्टूबर से होगा, जो 15 दिन तक चलेगा. कृषि वैज्ञानिक और कृषि अधिकारी खेतों में किसानों के पास जाएंगे और उनकी जमीनी समस्याओं को समझकर उनका निस्तारण करेंगे. बता दें कि इससे पहले मई से 12 जून 2025 तक अभियान देशभर में चल चुका है, जिसे खूब सराहा गया है.
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