Commercial Crops: मक्खनफल की खेती का रुझान बढ़ा, किसानों को भा रहीं एवोकाडो और हाईब्रिड आम की किस्में

पारंपरिक फलों के अलावा व्यावसायिक फलों की की खेती की ओर किसानों की दिलचस्पी बढ़ी है. किसान ड्रैगन फ्रूट, एवोकाडो और हाईब्रिड आम के साथ भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की ओर से सुझाए गए हाइब्रिड फलों की किस्मों की खेती कर रहे हैं.

नई दिल्ली | Updated On: 25 Aug, 2025 | 06:13 PM

आधुनिक खेती को अपनाने वाले किसान अब मॉडर्न फलों की खेती की ओर कदम बढ़ा रहे हैं. कृषि अधिकारियों ने कहा कि किसानों के बीच तेजी से ड्रैगन फ्रूट की खेती करने का रुझान बढ़ा है. इसके अलावा किसानों को एवोकाडो और हाईब्रिड आम की खेती भी खूब भा रही है. इसकी वजह अच्छी पैदावार के साथ बाजार में बेहतर कीमत मिलना है. बाजार में इन फलों की मांग भी खूब होने के साथ ही किसानों की आमदनी में इजाफा हो रहा है.

हिमाचल प्रदेश सरकार के उद्यान विभाग के अनुसार राज्य में तेजी से पारंपरिक फलों के अलावा व्यावसायिक फलों की की खेती की ओर किसानों की दिलचस्पी बढ़ी है. राज्य के हमीरपुर और ऊना, कांगड़ा समेत अन्य जिलों में किसान ड्रैगन फ्रूट, एवोकाडो और हाईब्रिड आम के साथ भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की ओर से सुझाए गए हाइब्रिड फलों की किस्मों की खेती किसान कर रहे हैं. इससे कम लागत में किसानों को अधिक पैदावार का फायदा मिल रहा है.

कई इलाकों में मक्खनफल की खेती

उद्यान विभाग कांगड़ा जोन धर्मशाला के ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ. कमलशील नेगी ने कहा कि देहरा और नादौन में मक्खनफल की खेती हो रही है. उन्होंने कहा कि ड्रैगन फ्रूट की पहली नर्सरी भले ही जिला कांगड़ा में स्थापित हुई हो, लेकिन अब इसका रुझान हमीरपुर और ऊना तक भी पहुंच गया है. इन जिलों के किसान भी ड्रैगन फ्रूट की व्यावसायिक खेती की ओर बढ़ रहे हैं.

पूसा हाईब्रिड आम की किस्मों का प्लॉट तैयार

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान की ओर से विकसित पूसा हाईब्रिड आम की किस्मों का प्रदर्शन प्लाट जसूर में सरकारी भूमि पर तैयार किया गया है. इसमें पूसा श्रेष्ठा, पूसा लालिमा, पूसा अरुणिमा और पूसा मल्लिका जैसे किस्मों के पौधे लगाए गए हैं, जो अपने रंग और स्वाद में पारंपरिक आम से अलग हैं. किसान इन आम किस्मों को भी उगाने के लिए उत्साहित देखे जा रहे हैं और उन्हें इन किस्मों की पैदावार और रखरखाव की जानकारी दी जा रही है.

ब्लूबेरी की पहली नर्सरी लगाने में सफलता मिली

जिला कांगड़ा की गोपालपुर में ब्लूबेरी की पहली पंजीकृत नर्सरी भी स्थापित की गई है, जहां टिशू कल्चर के माध्यम से पौधे तैयार किए जा रहे हैं. ड्रैगन फ्रूट, ब्लूवेरी और एवोकाडो जैसे फल न केवल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं बल्कि किसानों को अच्छी आमदनी भी दे सकते हैं. जिला कांगड़ा, चंबा, हमीरपुर और ऊना में किसानों का इन नए फलों की खेती की ओर झुकाव बढ़ता दिख रहा है, जिसमें विभागीय सहायता भी दी जा रही है.

Published: 25 Aug, 2025 | 06:10 PM