नकली खाद से फसल को खतरा, किसान ऐसे करें असली खाद की पहचान

नकली खाद न सिर्फ फसल की पैदावार और गुणवत्ता घटाती है, बल्कि मिट्टी की प्राकृतिक उर्वरता को भी कमजोर कर देती है. ऐसे में किसी भी उर्वरक का इस्तेमाल करने से पहले उसकी असली पहचान करना जरूरी हो गया है.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 19 Aug, 2025 | 11:28 AM

देश में आजकल किसानों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. एक तरफ खाद की कमी से फसल प्रभावित हो रही है, वहीं दूसरी ओर बाजार में उपलब्ध नकली उर्वरक किसानों की मेहनत और निवेश को खतरे में डाल रहे हैं. नकली खाद न सिर्फ फसल की पैदावार और गुणवत्ता घटाती है, बल्कि मिट्टी की प्राकृतिक उर्वरता को भी कमजोर कर देती है. ऐसे में किसी भी उर्वरक का इस्तेमाल करने से पहले उसकी असली पहचान करना जरूरी हो गया है.

तो चलिए जानते हैं, कुछ आम और महत्वपूर्ण उर्वरकों की असली पहचान करने के आसान और प्रभावी तरीके बताएंगे, ताकि आपकी फसल सुरक्षित और स्वास्थ्यवर्धक बनी रहे.

डी.ए.पी. (DAP) की पहचान

असली डी.ए.पी. के दाने कठोर होते हैं और इनके रंग भूरा, काला या बादामी होते हैं. इन्हें नाखून से आसानी से तोड़ा नहीं जा सकता. असली डी.ए.पी. की पहचान के लिए कुछ दाने हाथ में लेकर उसमें चूना मिलाकर तम्बाकू की तरह मसलें. अगर तेज गंध आए और सूंघने में कठिनाई हो, तो यह असली डी.ए.पी. है. दूसरा तरीका यह है कि कुछ दाने धीमी आंच पर तवे पर गर्म करें. अगर दाने फूल जाएं, तो यह असली डी.ए.पी. है.

यूरिया की पहचान

असली यूरिया के दाने सफेद, चमकदार और लगभग समान आकार के होते हैं. यह पूरी तरह पानी में घुल जाता है और घोल को छूने पर ठंडक महसूस होती है. तवे पर गर्म करने पर यूरिया पिघल जाता है और कोई अवशेष नहीं छोड़ता.

सुपर फास्फेट की पहचान

सुपर फास्फेट के दाने भी सख्त होते हैं और इनका रंग भूरा, काला या बादामी होता है. इन्हें तवे पर गर्म करने पर फूलते नहीं हैं. नाखून से तोड़ना मुश्किल होता है. अक्सर इसमें डी.ए.पी. या एन.पी.के. मिक्सचर मिलाकर नकली बनाया जाता है.

पोटाश की पहचान

पोटाश के दाने सफेद, चमकदार और कठोर होते हैं. पानी में डालने पर ये आपस में नहीं चिपकते और लाल रंग का हिस्सा पानी की सतह पर तैरता रहता है.

जिंक सल्फेट की पहचान

जिंक सल्फेट के दाने हल्के सफेद, पीले या भूरे रंग के छोटे-छोटे कण जैसे होते हैं. अक्सर इसमें मैग्नीशियम सल्फेट मिलाया जाता है. असली जिंक सल्फेट डी.ए.पी. के घोल में मिलाने पर गाढ़े थक्कों जैसा अवशेष बनाता है, जबकि नकली मैग्नीशियम सल्फेट ऐसा नहीं करता. हल्का कास्टिक घोल डालने पर असली जिंक सल्फेट का अवशेष सफेद और मटमैला दिखाई देता है.

इन आसान तरीकों को अपनाकर किसान नकली उर्वरक से बच सकते हैं और अपनी फसलों को बेहतर उत्पादन के लिए सुरक्षित रख सकते हैं.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

किस देश को दूध और शहद की धरती (land of milk and honey) कहा जाता है?

Poll Results

भारत
0%
इजराइल
0%
डेनमार्क
0%
हॉलैंड
0%