सरकार ने 11 कीटनाशकों पर लगाया बैन, कृषि अधिकारी ने बताई वजह.. किसान बोले अब इस्तेमाल नहीं करेंगे

मुरादाबाद के जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने कहा कि सभी विक्रेताओं को निर्देशित किया गया है कि वे इन कीटनाशकों को न बेचें और किसानों को इनका इस्तेमाल नहीं करने के लिए जागरूक किया जा रहा है.

रिजवान नूर खान
नोएडा | Updated On: 25 Aug, 2025 | 01:38 PM

बासमती चावल की क्वालिटी खराब करने वाले और उसे जहरीला बनाने वाले 11 कीटनाशकों पर यूपी सरकार ने कड़ा एक्शन लेते हुए उनकी बिक्री पर बैन लगा दिया है. जिला कृषि अधिकारियों से कहा गया है कि वे जिले में वितरकों और किसानों को जागरूक करें. जिलों के कृषि विज्ञान केंद्रों को भी सक्रिया किया गया है. मुरादाबाद के किसानों ने कहा है कि वे कीटनाशकों का इस्तेमाल नहीं करेंगे.

30 जिलों में 11 कीटनाशकों की बिक्री पर रोक लगी

बासमती चावल की क्वालिटी सुधारने के लिए यूपी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए राज्य के 30 जिलों में 11 कीटनाशकों की बिक्री पर रोक लगा दी है. राज्य सरकार की ओर से कहा गया है कि इन कीटनाशकों को 60 दिनों का प्रतिबंध लगाया जा रहा है. उत्तर प्रदेश सरकार ने बासमती चावल की क्वालिटी को बेहतर करने और अंतरराष्ट्रीय बाजार में उसकी मांग को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया है. बताया गया कि एपिडा के जरिए चावल का निर्यात खाड़ी देशों समेत अमेरिका और अन्य देशों में किया जाता है, निर्यात के समय चावल में कीटनाशक की मात्रा पाई गई है, जिसकी रोकथाम के लिए यह निर्णय लिया गया है.

कृषि विज्ञान केंद्र किसानों में जागरूक करेंगे

मुरादाबाद के जिला कृषि रक्षा अधिकारी डॉ. राजेंद्र पाल सिंह ने कहा कि राज्य के 30 जनपदों समेत मुरादाबाद में भी 11 कीटनाशकों के इस्तेमाल पर रोक लगी है. इन कीटनाशकों की बिक्री और वितरण पर 60 दिनों तक रोक का आदेश मिला है. उन्होंने कहा कि किसानों को इनके इस्तेमाल नहीं करने के लिए जागरूक किया जा रहा है. वहीं, मीडिया रिपोर्ट के अनुसार किसानों ने कहा कि वे इस तरह के कीटनाशकों का अब इस्तेमाल नहीं करेंगे. कृषि अधिकारी ने कहा कि जिले के कृषि विज्ञान केंद्रों के अधिकारियों को किसानों में जागरूकता फैलाने के लिए निर्देशित किया गया है.

बासमती चावल को खराब कर रहे थे ये कीटनाशक

उन्होंने कहा कि प्रतिबंधित कीटनाशकों में ट्राइसाइक्लाजोल, बुप्रोफेजिन, एसीफेट, क्लोरपाइरीफॉस, टेबुकोनाजोल, प्रोपिकोनाजोल, थायोमेथाक्साम, प्रोफेनोफॉस, इमिडाक्लोप्रिड, कार्बेन्डाजिम और कार्बोफ्यूरान शामिल हैं. उन्होंने कहा कि ये कीटनाशक सीधे तौर पर बासमती चावल की क्वालिटी को प्रभावित करते हैं. इन कीटनाशकों वाले उत्पादों की बिक्री पर जिले में तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है.

जिला कृषि रक्षा अधिकारी डॉ. राजेंद्र पाल सिंह

जिला कृषि रक्षा अधिकारी डॉ. राजेंद्र पाल सिंह

उल्लंघन पर भारी जुर्माना लगेगा और जेल होगी

जिला कृषि रक्षा अधिकारी डॉ. राजेंद्र पाल सिंह ने बताया कि सभी विक्रेताओं को निर्देशित किया गया है कि वे इन कीटनाशकों का न प्रयोग करें और न बेचें. आदेश का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध कीटनाशी अधिनियम 1968 के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी. यह कदम बासमती चावल को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाए रखने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है. अधिनियम के तहत निर्देश का उल्लंघन करते पाए जाने पर भारी जुर्माना या जेल भी हो सकती है.

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Published: 25 Aug, 2025 | 01:19 PM

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