कहते हैं कि किसान से बड़ा वैज्ञानिक कोई नहीं होता है, किसान खेती के साथ हर दिन कुछ नया प्रयोग करते रहते हैं ताकि उनकी आमदनी बेहतर हो सके. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है छत्तीसगढ़ के एक किसान ने, जिसकी नई और अलग सोच ने उन्हें अन्य किसानों से अलग बनाया है. दरअसल, छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चाम्पा जिले के सिवनी गांव में रहने वाले किसान रामाधार देवांगन ने भिंडी के डंठल के रेशे से कपड़े बना रहे हैं.
दिलचस्प बात यह है कि इससे पहले रामाधार केले के रेशे से बनाई हुई जैकेट प्रधानमंत्री मोदी को भेंट भी कर चुके हैं. खबर में आगे बात करेंगे कि कैसे अपनी नई सोच और तकनीक की मदद से रामाधार ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है.
भिंडी से बनी जैकेट भेंट में देंगे
बता दें कि सिवनी गांव के रहने वाले किसान रामाधार देवांगन इन दिनों भिंडी के डंठल के रेशे के कपड़ा बना रहे हैं. उन्होंने बताया कि भिंडी के डंठल के रेशे से वे एक जैकेट बना रहे हैं जिसे वे केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह को भेंट के रूप में देंगे. दरअसल, कृषि क्षेत्र में अपने इस नवाचार के लिए रामाधार को कपड़ा मंत्रालय द्वारा आमंत्रित किया गया है.
पीएम मोदी को दी केले से बनी शॉल
समाचार एजेंसी प्रसार भारती के अनुसार इससे पहले भी किसान रामाधार साल 2018 में केले के रेशे से बनी जैकेट प्रधानमंत्री मोदी को भेंट कर चुके हैं . इसके साथ ही उन्होंने अलसी के डंठल से बनी शॉल भी पीएम मोदी को भेंट की थी. अब रामाधार रांची से 19 जून को होने वाले कार्यक्रम में जाने को लेकर उत्साहित हैं और इसी उत्साह में वे भिंडी के रेशे से जैकेट बनाने में व्यस्त हैं.

Jacket Making in process
नवाचार की हो रही सराहना
सिवनी निवासी रामाधार देवांगन के इस नवाचार की सराहना हर कोई कर रहा है. एक तरफ सब्जियों की खेती करना और दूसरी ओर उन्हीं सब्जियों के रेशे से कपड़े बनाना वाकय सराहनीय काम है. रामाधार की यह नई सोच उन्हें एक अलग पहचान दिला रही है.रामाधार भिंडी के अलावा कई और अन्य फसलों के रेशों से कपड़े बनाकर अलग-अलग मंत्रियों को भेंट कर चुके हैं. जिनमें केला और असली भी शामिल हैं.