महंगाई छह साल के निचले स्तर पर, खाने-पीने की चीजों के दाम में राहत

इस साल मानसून के सामान्य से बेहतर रहने की संभावना जताई गई है. इससे कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी और ग्रामीण इलाकों में मांग में इजाफा हो सकता है, जो आने वाले महीनों में अर्थव्यवस्था को सहारा देगा.

Kisan India
नई दिल्ली | Updated On: 10 May, 2025 | 12:20 PM

देश में आम आदमी के लिए एक राहत भरी खबर आई है. अप्रैल 2025 में भारत की उपभोक्ता मुद्रास्फीति (महंगाई दर) घटकर लगभग छह साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है. खाने-पीने की चीजों की कीमतों में गिरावट इसका सबसे बड़ा कारण है. खास बात ये है कि ये लगातार तीसरा महीना है जब महंगाई भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के तय 4% के लक्ष्य से नीचे रही है.

क्यों कम हुई महंगाई?

इस बार गर्मी का असर फसलों पर नहीं पड़ा. सब्जियों, दालों, अनाज और यहां तक कि फलों की कीमतों में भी गिरावट देखी गई. यही वजह है कि बाजार में खाद्य वस्तुएं अपेक्षाकृत सस्ती रही हैं और आम लोगों के बजट को थोड़ी राहत मिली है. चूंकि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) में खाने-पीने की चीजों का बड़ा योगदान होता है, इसलिए खाद्य कीमतों में गिरावट सीधा असर CPI पर डालती है.

वहीं, 5 से 8 मई के बीच रॉयटर्स द्वारा 43 अर्थशास्त्रियों पर किए गए एक सर्वे के मुताबिक, अप्रैल में मुद्रास्फीति घटकर 3.27% हो गई, जो मार्च में 3.34% थी. इस बार मुद्रास्फीति की दर 2019 के बाद सबसे धीमी रही है. पूर्वानुमान यह था कि यह दर 2.8% से 4.0% के बीच रहेगी.

अर्थशास्त्रियों की राय

आईडीएफसी फर्स्ट बैंक की चीफ इकोनॉमिस्ट गौरा सेनगुप्ता ने कहा कि यह गिरावट मुख्य रूप से खाद्य महंगाई में कमी के कारण है. उन्होंने कहा कि गर्मियों में आमतौर पर सब्जियों की कीमतें बढ़ती हैं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ.

मानसून और महंगाई

इस साल मानसून के सामान्य से बेहतर रहने की संभावना जताई गई है. इससे कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी और ग्रामीण इलाकों में मांग में इजाफा हो सकता है, जो आने वाले महीनों में अर्थव्यवस्था को सहारा देगा.

क्या RBI ब्याज दरों में कटौती करेगा?

महंगाई कम रहने से भारतीय रिजर्व बैंक को अब ब्याज दरों में कटौती करने का मौका मिल सकता है, जिससे बाजार में लोन लेना सस्ता हो सकता है और आर्थिक गतिविधियों को बल मिल सकता है.

कोर और थोक महंगाई का हाल

कोर मुद्रास्फीति जिसमें खाद्य और ऊर्जा को शामिल नहीं किया जाता भी घटकर 4% रहने का अनुमान है. वहीं थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित महंगाई दर भी मार्च के 2.05% से घटकर 1.76% हो सकती है.

Published: 10 May, 2025 | 10:59 AM

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