अफगानिस्तान को खाद्य निर्यात पर ब्रेक, भारत को हो सकता है भारी नुकसान-जानिए क्या होगा असर?

भारत अफगानिस्तान से किशमिश, सेब, लहसुन, अनार, अखरोट, आड़ू, सूखे आलूबुखारे, प्याज, तरबूज जैसे कई उत्पाद आयात करता रहा है. FY-25 में यह आयात रिकॉर्ड 688 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया था, लेकिन अब पाकिस्तान के रास्ते बंद होने से यह लगभग रुक गया है.

नई दिल्ली | Updated On: 16 Jun, 2025 | 02:33 PM

भारत और अफगानिस्तान के बीच दशकों से कृषि उत्पादों का एक अहम व्यापारिक रिश्ता रहा है. लेकिन अब यह रिश्ता संकट के दौर से गुजर रहा है. एक ओर जहां भारत से अफगानिस्तान को भेजे जा रहे कृषि उत्पादों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है, वहीं दूसरी ओर वहां से भारत में आने वाले फलों, सूखे मेवों और मसालों की आपूर्ति भी ठप होने लगी है. इसका सीधा असर किसानों, व्यापारियों और आम उपभोक्ताओं दोनों पर पड़ रहा है.

पाकिस्तान के रास्ते बंद, ईरान के विकल्प पर भी खतरा

पिछले साल भारत से अफगानिस्तान को भेजे जाने वाले कृषि उत्पादों का निर्यात 20 फीसदी तक घट चुका है. 2024-25 में यह आंकड़ा 82.6 मिलियन डॉलर पर सिमट गया, जबकि इससे पहले यह काफी अधिक था. मुख्य वजह है पाकिस्तान का जमीनी रास्ता बंद हो जाना और ईरान के रास्ते पर भी अस्थिरता का मंडराता संकट.

बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के अनुसार एक चीनी निर्यातक बताते हैं कि अफगानिस्तान में भारतीय चीनी की अच्छी मांग है, लेकिन कराची रूट बंद हो जाने से वहां भेजना मुश्किल हो गया है. पहले ईरान के बंदर अब्बास पोर्ट के जरिए निर्यात पर चर्चा चल रही थी, लेकिन मध्य-पूर्व में बढ़ते तनाव के कारण अब वह भी मुश्किल लग रहा है.

किन चीजों का हो रहा है निर्यात?

भारत से अफगानिस्तान को जो मुख्य कृषि उत्पाद भेजे जाते हैं, उनमें तेल निकले बीजों का चूर्ण (ऑयलमील्स), तंबाकू, मसाले, चीनी और प्रोसेस्ड फलों का रस प्रमुख हैं. 2024-25 में तेल चूर्ण का निर्यात 27.37 मिलियन डॉलर तक पहुंचा, जबकि तंबाकू का 15.91 मिलियन डॉलर. हालांकि मसाले, चीनी और प्रोसेस्ड फल-रस का निर्यात कम हो गया.

सरकार ने 30 सितंबर तक एक मिलियन टन चीनी के निर्यात की इजाजत दी थी, जिसमें से करीब 72 हजार टन अफगानिस्तान को भेजी गई. लेकिन अब हालात ऐसे हैं कि 5-6 हजार टन चीनी का और निर्यात भी ‘परिस्थितियों पर निर्भर’ माना जा रहा है.

आयात पर भी पड़ा असर

भारत अफगानिस्तान से किशमिश, सेब, लहसुन, अनार, अखरोट, आड़ू, सूखे आलूबुखारे, प्याज, तरबूज जैसे कई उत्पाद आयात करता रहा है. FY-25 में यह आयात रिकॉर्ड 688 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया था, लेकिन अब पाकिस्तान के रास्ते बंद होने से यह लगभग रुक गया है.

जबकि 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद भी व्यापार चलता रहा, लेकिन अब भू-राजनीतिक हालात और सीमा पार के रास्तों में अनिश्चितता ने इस व्यापार को मुश्किल में डाल दिया है. अफगानिस्तान इंटरनेशनल बैंक के सक्रिय होने के बावजूद व्यापारिक माहौल अस्थिर होता जा रहा है. अगर जल्द स्थिरता नहीं आई, तो किसानों और व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है.

Published: 16 Jun, 2025 | 12:28 PM