भारतीय कॉफी अब सिर्फ देश तक सीमित नहीं रही, बल्कि इसकी खुशबू और स्वाद ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी मजबूत पहचान बना ली है. साल 2025 भारतीय कॉफी उद्योग के लिए एक ऐतिहासिक साल साबित होने जा रहा है. बढ़ती वैश्विक कीमतों और अंतरराष्ट्रीय मांग के चलते भारत का कॉफी निर्यात पहली बार 2 अरब डॉलर के आंकड़े को पार करने की ओर बढ़ रहा है. यह उपलब्धि न सिर्फ निर्यातकों के लिए, बल्कि लाखों कॉफी किसानों के लिए भी राहत और उम्मीद की खबर है.
पांच साल में दोगुना हुआ कॉफी निर्यात
बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में भारतीय कॉफी के निर्यात मूल्य में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है. कॉफी बोर्ड से जुड़े आंकड़ों के मुताबिक, 2025 में अब तक कॉफी शिपमेंट का मूल्य करीब 1.97 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है. यह पिछले साल की तुलना में करीब 21 प्रतिशत ज्यादा है. रुपये के लिहाज से देखा जाए तो इस साल निर्यात से 17 हजार करोड़ रुपये से अधिक की कमाई हो चुकी है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि से कहीं ज्यादा है. विशेषज्ञों का मानना है कि साल खत्म होने से पहले यह आंकड़ा आसानी से 2 अरब डॉलर को पार कर जाएगा.
वैश्विक बाजार में कीमतों का असर
भारतीय कॉफी की बढ़ती कमाई के पीछे वैश्विक बाजार की बड़ी भूमिका है. दुनिया के प्रमुख कॉफी उत्पादक देशों ब्राजील और वियतनाम में उत्पादन से जुड़ी दिक्कतों के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में कॉफी की कीमतें काफी बढ़ गई हैं. इसी का फायदा भारत को मिला है. भारतीय रोबस्टा और अरेबिका कॉफी अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रीमियम दाम पर बिक रही है, जिससे कम मात्रा में भी ज्यादा मूल्य मिल रहा है.
मात्रा घटी, लेकिन कमाई बढ़ी
दिलचस्प बात यह है कि जहां निर्यात मूल्य बढ़ा है, वहीं कॉफी की कुल मात्रा में हल्की गिरावट दर्ज की गई है. इस साल अब तक करीब 3.66 लाख टन कॉफी का निर्यात हुआ है, जो पिछले साल से थोड़ा कम है. यूरोप जैसे प्रमुख बाजारों में कुछ खरीदारों ने सस्ती कॉफी वाले देशों की ओर रुख किया, जिससे मात्रा पर असर पड़ा. इसके बावजूद ऊंची कीमतों ने इस कमी की भरपाई कर दी.
भारतीय कॉफी को मिलता है प्रीमियम
भारतीय कॉफी की खासियत उसकी गुणवत्ता और स्वाद है. यही वजह है कि यह लंदन और न्यूयॉर्क के अंतरराष्ट्रीय बाजारों में तय कीमतों से ऊपर प्रीमियम पर बिकती है. भारतीय रोबस्टा और अरेबिका कॉफी दोनों ही अंतरराष्ट्रीय खरीदारों के बीच भरोसे का नाम बन चुकी हैं.
दुनिया में भारत की मजबूत स्थिति
भारत दुनिया का सातवां सबसे बड़ा कॉफी उत्पादक देश है, लेकिन निर्यात के मामले में पांचवें स्थान पर आता है. वैश्विक कॉफी निर्यात में भारत की हिस्सेदारी करीब 5 प्रतिशत है. बीते चार वर्षों से भारत का कॉफी निर्यात लगातार 1 अरब डॉलर से ऊपर बना हुआ है, जो इसकी स्थिरता को दर्शाता है.
यूरोप बना सबसे बड़ा बाजार
भारतीय कॉफी का सबसे बड़ा बाजार यूरोप है. इटली सबसे बड़ा खरीदार है, जहां भारत की करीब 18 प्रतिशत कॉफी जाती है. इसके अलावा जर्मनी, बेल्जियम, रूस और संयुक्त अरब अमीरात भी प्रमुख आयातक देशों में शामिल हैं.
किसानों के लिए उम्मीद की किरण
कॉफी निर्यात में यह उछाल सीधे तौर पर किसानों के लिए अच्छी खबर है. बेहतर दाम मिलने से उनकी आय में सुधार हो रहा है. अगर वैश्विक बाजार में कीमतें इसी तरह बनी रहीं, तो आने वाले वर्षों में भारतीय कॉफी उद्योग और भी मजबूत होकर उभरेगा.