कॉफी उत्पादकों ने रोकी बिक्री, किसानों की आमदनी और कीमतों पर कैसा होगा असर ?

किसानों ने इस साल अपनी फसल का करीब 30 प्रतिशत हिस्सा अगले सीजन के लिए रोक रखा है. आमतौर पर केवल 5–10 प्रतिशत ही स्टॉक बचता है, लेकिन इस बार बड़ी मात्रा में कॉफी अभी भी खेतों और गोदामों में पड़ी है. आमतौर पर केवल 5–10 प्रतिशत ही स्टॉक बचता है, लेकिन इस बार बड़ी मात्रा में कॉफी अभी भी खेतों और गोदामों में पड़ी है.

Kisan India
नई दिल्ली | Updated On: 16 Oct, 2025 | 11:35 AM

Coffee Export: भारत के कॉफी सेक्टर में इस बार असामान्य स्थिति देखने को मिल रही है. देश के प्रमुख कॉफी उत्पादक राज्यों में किसान इस उम्मीद में फसल की बिक्री रोक रहे हैं कि कीमतें और बढ़ेंगी. वहीं निर्यातक और प्रोसेसर मांग में गिरावट और अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धा को लेकर चिंतित हैं. इस अस्थिर स्थिति के कारण अगले सीजन में भारी स्टॉक का दबाव पैदा होने की उम्मीद है, जो किसानों और निर्यातकों दोनों के लिए मुश्किल भरा साबित हो सकता है.

किसानों ने बिक्री रोककर रखा स्टॉक

बिजनेस लाइन की खबर के अनुसार, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु के कॉफी उत्पादक इस बार सामान्य से ज्यादा स्टॉक अपने पास रख रहे हैं. कई किसानों ने इस साल अपनी फसल का करीब 30 प्रतिशत हिस्सा अगले सीजन के लिए रोक रखा है. आमतौर पर केवल 5–10 प्रतिशत ही स्टॉक बचता है, लेकिन इस बार बड़ी मात्रा में कॉफी अभी भी खेतों और गोदामों में पड़ी है.

कर्नाटक प्लांटर्स एसोसिएशन के चेयरमैन ए. अरविंद राव के अनुसार, “किसानों के पास अभी भी पिछले सीजन की कॉफी बची हुई है. यदि नई फसल आने से पहले स्टॉक नहीं बिकता, तो ओपनिंग स्टॉक बढ़ जाएगा और बाजार पर दबाव पड़ेगा.”

निर्यात में कमी और अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा

भारत विश्व का सातवां सबसे बड़ा कॉफी उत्पादक देश है और अपनी वार्षिक उत्पादन का दो-तिहाई हिस्सा निर्यात करता है. लेकिन इस साल निर्यात धीमा है. रोबस्टा कॉफी के निर्यात में 23 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है. इसके पीछे मुख्य कारण भारत की कॉफी की अंतरराष्ट्रीय बाजार में ऊंची कीमतें हैं. वियतनाम, युगांडा और ब्राजील की तुलना में भारतीय रोबस्टा महंगी पड़ रही है, जिससे विदेशी खरीदार पीछे हट रहे हैं.

अग्रणी कॉफी कारोबारी प्रवीण कोलिमारला बताते हैं कि सामान्य स्थिति में भारत के पास लगभग 10,000 टन कॉफी स्टॉक रहता है, लेकिन इस बार यह 20,000 टन तक पहुंचने का अनुमान है.

खुदरा बाजार और प्रोसेसर्स पर असर

कॉफी की बेस प्राइस पहले से ही ऊंची है. इससे रोबस्टा कॉफी की कीमतें बढ़ी हैं, लेकिन खुदरा विक्रेता मांग कम होने के डर से दाम नहीं बढ़ा पा रहे. परिणामस्वरूप, प्रोसेसर्स और रोस्टर्स केवल तत्काल जरूरत के अनुसार ही कॉफी खरीद रहे हैं.

कूर्ग (कोडागु) के रोस्टर प्रमोद सोमैया के अनुसार, किसानों के पास अभी भी लगभग 25 प्रतिशत फसल बची हुई है. यदि अगले कुछ हफ्तों में कीमतों में बढ़ोतरी नहीं होती, तो भारी मात्रा में स्टॉक अगले सीजन में पहुंच जाएगा, जिससे बाजार पर और दबाव पड़ेगा.

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Published: 16 Oct, 2025 | 09:20 AM

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