PM Dhan Dhanya Krishi Yojana 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan) की 20वीं किस्त जारी होने से पहले किसानों को बहुत बड़ा गिफ्ट दिया है. मोदी सरकार की कैबिनेट ने किसानों के लिए ‘प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना’ की मंजूरी दी है. खास बात यह है कि प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना में 36 योजनाओं को शामिल किया गया है. इसके लिए सरकार साल में 24,000 करोड़ खर्च करेगी. सरकार को उम्मीद है कि उसके इस फैसले से किसानों का काफी फायदा होगा. उनकी कमाई में बढ़ोतरी होगी, जिससे उनका जीवन स्तर पहले से बेहतर होगा.
दरअसल, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2025 पेश करते हुए ‘प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना’ की घोषणा की थी. इस योजना का मुख्य उदेश्य किसानों की आमदनी बढ़ाने में मदद करना है. इस योजना के तहत 1.7 करोड़ किसानों की फसल प्रोडक्टिविटी को मदद मिलेगी. साथ ही सरकार ने इस योजना की शुरुआत खेती को आधुनिक बनाने की मकसद से की है, ताकि फसलों की पैदावार बढ़ाई जा सके. इस योजना से सबसे ज्यादा फायदा उन राज्यों को होगा जहां औसत पैदावार कम है.
100 जिलों में शुरू होगी यह योजना
पीएम धन-धान्य कृषि योजना देश के उन 100 जिलों में शुरू की जाएगी, जहां फसल की पैदावार कम है. यानी सरकार इस योजना की मदद से कम पैदावार वाले जिलों में फसल की उपज बढ़ाना जाती है, ताकि किसानों की कमाई बढ़ाई जा सके. क्योंकि पैदावार में बढ़ोतरी होने पर किसानों की कमाई में इजाफा होना स्वाभाविक बात है. साथ ही इस योजना का उदेश्य खेती में नई तकनीक को बढ़ावा और फसल डायवर्सिफिकेशन लाना भी है. इसके अलावा प्रखंड और पंचायत स्तर पर भंडारण क्षमता में भी इजाफा करना है.
किसानों को लोन लेने में होगी आसानी
केंद्र सरकार प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना की मदद से देश में सिंचाई सुविधा भी बेहतर करेगी. साथ ही इसकी मदद से लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म वाले कृषि लोन की उपलब्धता पहले से ज्यादा सरल नाई जाएगी. यानी किसानों को कृषि लोन के लिए अब बैंकों का चक्कर नहीं काटना पड़ेगा. उन्हें आसानी से इस योजना की मदद से कृषि लोन मिल पाएगा.
6 साल तक चलेगी योजना
बता दें इस योजना की मंजूरी की जानकारी सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी. उन्होंने कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’के तहत कटाई के बाद फसल को सुरक्षित रखने के लिए भंडारण सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी. इसके अलावा सिंचाई व्यवस्था में सुधार किया जाएगा और खेती की पैदावार बढ़ाई जाएगी. उन्होंने कहा कि इस योजना के लिए हर साल 24,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. यह योजना 6 साल तक चलेगी और इसमें देश के 100 जिले शामिल होंगे.
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