मैं सिर्फ कृषि मंत्री नहीं, किसान भी हूं – खेत में खुद मेहनत करते दिखे शिवराज सिंह चौहान

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद खेत में जुताई करते नजर आए और कहा कि मैं सिर्फ मंत्री नहीं, एक किसान भी हूं. उन्होंने टमाटर की खेती की तैयारी शुरू कर किसानों की मेहनत को सलाम किया और सभी से अन्नदाताओं का सम्मान करने की अपील की.

नोएडा | Published: 23 May, 2025 | 01:48 AM

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज जो किया, वो हर किसी के लिए संदेश है. मैं सिर्फ कृषि मंत्री नहीं, किसान भी हूं. दरअसल, वे अपने खेतों में खुद जुताई करते दिखे. इतना ही नहीं, उन्होंने बताया कि उन्होंने टमाटर की खेती के लिए खेत में बेड तैयार किया है ताकि अगस्त महीने में बुआई शुरू की जा सके. यह कोई औपचारिकता नहीं, बल्कि असली जमीनी जुड़ाव है.

कृषि मंत्री ने किया किसानों को सलाम

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि जब तक खेत में मेहनत नहीं करोगे, तब तक किसान की तपस्या को समझना मुश्किल है. इतना ही नहीं वे यही बात खुद अनुभव कर रहे हैं और यही वजह है कि वे सिर्फ मंत्री नहीं, बल्कि एक किसान भी हैं, जो अपने काम और अपनी जमीन से जुड़े हैं. उन्होंने साफ कहा कि किसान की मेहनत को समाज को सलाम करना चाहिए. क्योंकि किसान देश के भोजन का आधार और आर्थिक मजबूती की वजह हैं.

किसानों के साथ कंधा मिलाकर चलने की तैयारी

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह भी जोर दिया कि कृषि मंत्री के रूप में उनका कर्तव्य केवल नीतियां बनाना नहीं बल्कि किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना भी है. उन्होंने सभी से आग्रह किया कि वे किसानों की तपस्या को समझें और उनकी मदद के लिए आगे आएं.

यह बात महज एक भावनात्मक बयान नहीं, बल्कि कृषि क्षेत्र की हकीकत भी है. भारत में करोड़ों किसान अपनी ज़िंदगी को खेतों से जोड़कर जीते हैं. ऐसे में जब देश का कृषि मंत्री खुद खेत में मेहनत करता है तो किसानों को एक नई उम्मीद मिलती है. यह संदेश देता है कि सरकार किसानों के लिए काम कर रही है, नीतियां केवल कागजों पर नहीं, बल्कि जमीन पर अमल के लिए बनाई जा रही हैं.

माटी से जुड़ा कृषि मंत्री

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की इस पहल को कृषि समुदाय ने बहुत सराहा है. कई किसानों ने कहा कि मंत्री का खेतों में आकर खुद मेहनत करना उनकी जमीनी समस्याओं को समझने का सबसे बेहतर तरीका है. इससे किसानों को यह विश्वास होता है कि सरकार उनकी मदद के लिए गंभीर है और उनके विकास के लिए प्रतिबद्ध है.

कृषि मंत्री ने साफ कहा कि किसानों की मेहनत से ही देश का अन्न भंडार भरा जाता है. हमें उनकी तपस्या को समझना होगा और उन्हें सम्मान देना होगा. आज का यह दृश्य यही संदेश दे रहा है कि भारत के कृषि मंत्री भी एक किसान हैं, जो खेतों से जुड़ाव के साथ देश की खाद्य सुरक्षा को मजबूत कर रहे हैं.