दरअसल, हम बात कर रहे हैं बरबरी बकरी (Barbari Goat) की जिसे आप घर की छत, आंगन या किसी छोटे कमरे में भी आसानी से पाल सकते हैं. शहरी इलाकों में भी इसका पालन बिना चराई के किया जा सकता है, जिससे ये छोटे किसानों और शहरी पशुपालकों के लिए बेहद फायदेमंद बन जाती है.
बरबरी बकरी का दूध सिर्फ पोषण ही नहीं देता, बल्कि इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण शरीर की इम्युनिटी को मजबूत करते हैं और प्लेटलेट्स बढ़ाने में सहायक होते हैं. यह दूध बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों के लिए खास तौर पर फायदेमंद होता है.
यह बकरी कम समय में प्रजनन करती है यानी यह जल्दी से बच्चे देती है. इसका मतलब है कि कम समय में आपको ज्यादा दूध, ज्यादा मांस और ज्यादा आय मिलती है. पशुपालन से रोजगार शुरू करने वालों के लिए ये एक शानदार नस्ल है.
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खुरपका-मुंह पका एक आम बीमारी है जो बकरियों को बारिश के मौसम में होती है. इसमें उनके मुंह और खुरों पर छाले पड़ जाते हैं.
अगर आप इसे चना, मक्का, बरसीम, जौ, भूसा या नीम के पत्ते जैसी चीजें नियमित रूप से खिलाएं, तो यह बकरी न सिर्फ स्वस्थ रहती है, बल्कि इसका दूध और मांस भी उच्च गुणवत्ता वाला होता है.