हरियाणा में अवैध जल कनेक्शनों का बड़ा खुलासा, रिपोर्ट में चौंकाने वाली जानकारी

रिपोर्ट के मुताबिक, फरीदाबाद में 1 लाख से ज्यादा अवैध जल कनेक्शन हैं, और करनाल में यह संख्या 74,000 तक पहुंच गई है. इसके अलावा, रिपोर्ट में बताया गया है कि राज्य के 16 जिलों में भूजल में यूरेनियम का प्रदूषण बढ़ रहा है.

Kisan India
Noida | Published: 31 Mar, 2025 | 11:35 AM

हरियाणा विधानसभा की पब्लिक अकाउंट्स कमेटी (PAC) ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें राज्य में जल आपूर्ति से जुड़ी कई बड़ी समस्याओं का जिक्र किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, फरीदाबाद में 1 लाख से ज्यादा अवैध जल कनेक्शन हैं, और करनाल में यह संख्या 74,000 तक पहुंच गई है. इसके अलावा, रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि राज्य के 16 जिलों में भूजल में यूरेनियम का प्रदूषण बढ़ रहा है, जो कि एक गंभीर समस्या बन गई है. अब हम इस रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर ध्यान देते हैं.

अवैध जल कनेक्शनों का बढ़ता मामला

PAC की रिपोर्ट के अनुसार, फरीदाबाद और करनाल में अवैध जल कनेक्शनों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जो एक बड़ी चिंता का विषय बन गई है. फरीदाबाद में 1,04,961 और करनाल में 74,001 अवैध कनेक्शन पाए गए हैं. इन अवैध कनेक्शनों के कारण जल आपूर्ति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है, जिससे पानी की बर्बादी हो रही है और सरकार को राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है. PAC के अध्यक्ष और नूह विधायक अफताब अहमद ने इस गंभीर स्थिति पर चिंता व्यक्त की है और सरकार से इस समस्या को सुलझाने के लिए ठोस कदम उठाने की अपील की है.

जल गुणवत्ता में गंभीर समस्याएं

रिपोर्ट में जल गुणवत्ता से जुड़ी कई बड़ी समस्याओं का जिक्र किया गया है. CAG की रिपोर्ट के अनुसार, पीने के पानी में कोलीफॉर्म बैक्टीरिया और रासायनिक मानकों की सीमा से ज्यादा पाया गया है, जिससे पानी प्रदूषित हो रहा है. इसके अलावा, फरीदाबाद के 8 जगहों में से 7 पर जल गुणवत्ता परीक्षण में असफलता आई है. इससे यह साफ है कि जल की गुणवत्ता पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है.

यूरेनियम प्रदूषण से खतरा

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि राज्य के 16 जिलों में भूजल में यूरेनियम की मात्रा निर्धारित सीमा से अधिक पाई गई है. इन जिलों में अंबाला, फरीदाबाद, गुरुग्राम, हिसार, करनाल और अन्य शामिल हैं. यूरेनियम प्रदूषण एक गंभीर स्वास्थ्य खतरा हो सकता है, और इसे रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है.

सरकार से अपील

PAC ने सरकार से अपील की है कि जल प्रदूषण को रोकने के लिए जल्द से जल्द ठोस कदम उठाए जाएं. उन्होंने प्रयोगशाला सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए पर्याप्त संसाधन जुटाने की बात भी की. इसके अलावा, उन्होंने जल आपूर्ति प्रणाली को ट्यूबवेल आधारित से नहर आधारित प्रणाली में बदलने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि जल का सही तरीके से उपयोग हो सके और प्रदूषण कम किया जा सके.

मीटर में बदलने का प्रस्ताव

PAC ने सरकार से यह भी आग्रह किया है कि सभी मीटर रहित कनेक्शनों को मीटर वाले कनेक्शनों में बदला जाए. इससे पानी की वास्तविक खपत के आधार पर बिलिंग होगी, न कि फ्लैट दरों पर. यह कदम जल की बर्बादी को कम करेगा और सही तरीके से पानी की खपत का हिसाब लगाया जा सकेगा.

महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना की विफलता

रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना के तहत जो जल आपूर्ति व्यवस्था बनाई जानी थी, वो 13 साल बाद भी पूरी तरह से लागू नहीं हो पाई है. इस योजना ने अब तक अपना लक्ष्य हासिल नहीं किया है, और इसे जल्दी से शुरू किया जाना चाहिए ताकि गांवों में पानी की समस्या हल हो सके.

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