बारिश में बकरियों को चाहिए सिर्फ ये देसी पत्ते, फायदा देख आंखें खुली की खुली रह जाएंगी

बरसात के मौसम में बकरियों में पेट के कीड़े, कमजोर इम्युनिटी और ग्रोथ रुकने जैसी समस्याएं आम होती हैं. ऐसे में यह देसी तरीका कम खर्च में बकरियों को तंदुरुस्त बनाए रखने में कारगर है.

नोएडा | Published: 6 Jul, 2025 | 11:51 AM

बरसात का मौसम शुरू होते ही पशुपालकों की चिंता बढ़ जाती है, खासकर बकरियों के स्वास्थ्य को लेकर. इस मौसम में पेट में कीड़े, कमजोर इम्युनिटी और धीमी ग्रोथ जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं. लेकिन अच्छी बात यह है कि इन समस्याओं का आसान और देसी समाधान आपके खेत-खलिहान और आंगन में ही मौजूद है, अमरूद, नीम और सहजन (मोरिंगा) की पत्तियों के रूप में. अगर इन पत्तों को बकरियों की डाइट में नियमित रूप से शामिल किया जाए तो न सिर्फ बीमारी दूर होगी, बल्कि फायदा ऐसा दिखेगा कि देखकर हर कोई हैरान रह जाएगा.

बरसात में पत्तियां बनेंगी दवा

अमरूद, नीम और सहजन की पत्तियां बकरियों  के लिए बहुत फायदेमंद होती हैं. इन पत्तियों में टेनिन और प्रोटीन अच्छी मात्रा में मिलता है. टेनिन पेट के कीड़े मारने में मदद करता है और प्रोटीन बकरी की बढ़त और सेहत ठीक रखता है. वहीं, बरसात में नमी ज्यादा होती है, जिससे पेट में कीड़े जल्दी हो जाते हैं. इससे बकरियां कम खाना खाती हैं और जो खाती हैं, वो उनके शरीर में नहीं लगता.

स्टाल फीडिंग करने वाले रखें खास ध्यान

जो लोग बकरियों को फार्म में रखते हैं और उन्हें बांधकर (स्टाल फीडिंग) चारा खिलाते हैं, उनके लिए ये पत्तियां और भी जरूरी हैं. क्योंकि सीमित जगह में कीड़े और बीमारियां जल्दी फैलती हैं. अगर चारे में अमरूद, नीम और सहजन की पत्तियां मिलाई जाएं तो बकरियों का पाचन ठीक रहता है, पेट में कीड़े नहीं होते और उनके शरीर में बीमारी से लड़ने की ताकत बढ़ती है.

सहजन की पत्तियां ग्रोथ का देसी टॉनिक

सहजन  की 100 ग्राम पत्तियों में 9.40 ग्राम प्रोटीन, 1.40 ग्राम वसा और 8.28 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है. ये पत्तियां बकरियों के लिए बहुत फायदेमंद होती हैं. बकरियां इन्हें आसानी से हजम कर लेती हैं, जिससे उनका वजन तेजी से बढ़ता है. जो पशुपालक बकरियों को बेचने के लिए तैयार कर रहे हैं, उनके लिए सहजन की पत्तियां बहुत उपयोगी साबित होती हैं.

बकरियों को बीमारी से बचाने वाली देसी दवा

बरसात के मौसम में नीम के पेड़ पर मिलने वाला नीम गिलोय एक बेहतरीन औषधीय पौधा है. यह कड़वा जरूर होता है, लेकिन बकरियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है. खासकर बकरियों के बच्चों को अगर नीम गिलोय की पत्तियां खिलाई जाएं तो उनका शरीर बीमारियों से लड़ने के लिए तैयार रहता है. इससे उनकी मृत्यु दर भी घटती है.

कम खर्च में बकरियों की सेहत और कमाई दोनों पक्की

इन देसी पत्तियों का इस्तेमाल कोई बड़ा खर्च नहीं है, बल्कि यह प्राकृतिक तरीका है जिससे बकरियों को बीमारियों से बचाकर उनके स्वास्थ्य और वजन को सुधारा जा सकता है. इससे न केवल दवा और इलाज के खर्च में कमी आती है, बल्कि बकरियों की बिक्री में भी बेहतर रेट मिलता है.