कृषि के प्रमुख सेक्टर बनकर उभरे पशुपालन और फिशिंग, किसान कर रहे बंपर कमाई

सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, भारत के कृषि क्षेत्र में अब पशुपालन और मछली पालन की भूमिका तेजी से बढ़ रही है. 2023-24 में GVO 29.9 लाख करोड़ रहा, जबकि GVA में कृषि का हिस्सा घटकर 14.7 फीसदी हो गया. आंध्र प्रदेश मछली पालन में अग्रणी रहा.

नोएडा | Published: 28 Jun, 2025 | 08:24 AM

भारत के कृषि क्षेत्र में अब पशुपालन और मछली पालन की भूमिका लगातार बढ़ रही है. इससे किसानों की बंपर कमाई हो रही है. शुक्रवार को जारी एक सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, पशुपालन का हिस्सा 2011-12 में जहां 25.6 फीसदी था, वह 2023-24 में बढ़कर 31.2 फीसदी हो गया है. वहीं, मछली पालन और जलीय कृषि का हिस्सा भी इसी अवधि में 4.2 फीसदी से बढ़कर 7 फीसदी हो गया है.

द आइकॉनिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘स्टैटिस्टिकल रिपोर्ट ऑन वैल्यू ऑफ आउटपुट फ्रॉम एग्रीकल्चर एंड एलाइड सेक्टर्स’ नाम की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि ये आंकड़े दिखाते हैं कि देश की कृषि अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे विविध होती जा रही है. इसका कारण लोगों की बदलती मांग, सरकार की नीतियों का सहयोग और तकनीकी विकास है. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023-24 में आंध्र प्रदेश ने मछली पालन क्षेत्र में सबसे ज्यादा योगदान 39.1 फीसदी दिया. रिपोर्ट के मुताबिक, इसका मुख्य कारण झींगा पालन पर आधारित निर्यात, बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और इनलैंड एक्वाकल्चर का विस्तार है.

मछली पालन में बढ़ोतरी

कृषि और सम्बद्ध क्षेत्रों में चार उप-क्षेत्र शामिल होते हैं. फसल, पशुपालन, वानिकी और लकड़ी कटाई (फॉरेस्ट्री एंड लॉगिंग) और मछली पालन व एक्वाकल्चर. 2023-24 में सबसे बड़ा योगदान फसल क्षेत्र का रहा, जो 54.1 फीसदी था, हालांकि 2011-12 में यह 62.4 फीसदी था. यानी इसमें गिरावट आई है. वहीं, फॉरेस्ट्री और लॉगिंग का योगदान मामूली गिरकर 7.8 फीसदी से 7.7 फीसदी हो गया है.

GVO बढ़कर 29.9 लाख करोड़ रुपये

2023-24 में कृषि और संबंधित क्षेत्रों (पशुपालन, मछली पालन आदि) से सकल उत्पादन मूल्य (GVO) बढ़कर 29.9 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो कि 2011-12 में 19.1 लाख करोड़ रुपये था. यानी इस दौरान 54.9 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई. हालांकि, इसी अवधि में अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र की हिस्सेदारी (GVA में) घटकर 14.7 फीसदी रह गई, जबकि 2011-12 में यह 18.5 फीसदी थी. इसका मतलब है कि भारत की अर्थव्यवस्था अब धीरे-धीरे उद्योग और सेवा क्षेत्रों की ओर बढ़ रही है.

ग्रामीण क्षेत्रों की तरक्की

रिपोर्ट में कहा गया है कि कृषि क्षेत्र अब भी विकास कर रहा है और ग्रामीण रोजगार व आजीविका के लिए बेहद जरूरी है, लेकिन अब आर्थिक वृद्धि का मुख्य इंजन उद्योग और सेवाएं बनती जा रही हैं. इस ट्रेंड को देखते हुए कृषि में आधुनिकीकरण और विविधीकरण की जरूरत है, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों की प्रगति भी देश की समग्र आर्थिक तरक्की के साथ बनी रहे.