बरसात में मुर्गी पालन करते समय रखें ये सावधानियां, नहीं तो हो सकता है भारी नुकसान

बरसात के मौसम में मुर्गी पालन करते समय साफ-सफाई, नमी से बचाव, साफ पानी और सूखा चारा देना बेहद जरूरी है. थोड़ी सी लापरवाही से मुर्गियां बीमार पड़ सकती हैं और उत्पादन में भारी नुकसान हो सकता है.

Kisan India
नोएडा | Published: 1 Sep, 2025 | 06:00 AM

बरसात का मौसम एक ओर जहां ठंडक और हरियाली लेकर आता है, वहीं दूसरी ओर यह पोल्ट्री फार्मिंग के लिए कई तरह की समस्याएं खड़ी कर देता है. इस मौसम में बढ़ी हुई नमी और गंदगी के कारण मुर्गियों के बीमार होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. खासकर छोटे किसान और घरेलू स्तर पर पोल्ट्री फार्मिंग करने वालों के लिए यह समय काफी चुनौतीपूर्ण होता है. अगर समय रहते जरूरी सावधानियां न बरती जाएं, तो उत्पादन में गिरावट और आर्थिक नुकसान झेलना पड़ सकता है.

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के किसान इन दिनों मुर्गी पालन को एक अच्छा व्यवसाय मान रहे हैं और इससे अच्छा मुनाफा भी कमा रहे हैं. हालांकि बरसात के मौसम में उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. बरसात के मौसम में मुर्गी पालन से कम समय में अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है, लेकिन इसके लिए कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है, क्योंकि इस मौसम में बीमारियां ज्यादा फैलती हैं.

हर दिन करें फार्म की सफाई और नमी से बचाव

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बरसात में पोल्ट्री फार्म को रोजाना साफ-सुथरा रखना बेहद जरूरी है. फार्म के फर्श पर फिनायल का छिड़काव करना चाहिए ताकि बैक्टीरिया न पनप सकें. यदि कोई मुर्गी मर जाती है तो उसे तुरंत फार्म से हटा देना चाहिए, वरना वह अन्य मुर्गियों के लिए बीमारी फैला सकती है. नमी को नियंत्रित करने के लिए चुना पाउडर का इस्तेमाल करना बहुत लाभकारी होता है. यह नमी सोखता है और फार्म को सूखा बनाए रखता है. साफ-सफाई के साथ-साथ फार्म में हवा का उचित प्रवाह भी जरूरी है ताकि वातावरण शुष्क बना रहे.

पानी की सफाई है सबसे जरूरी

इस मौसम में मुर्गियों को पीने के लिए साफ और सुरक्षित पानी देना बेहद जरूरी है. बारिश के पानी में बैक्टीरिया और गंदगी का खतरा अधिक होता है. इसलिए 1,000 लीटर पानी में 2 ग्राम क्लोरीन टैबलेट या ब्लीचिंग पाउडर मिलाकर ही मुर्गियों को पिलाना चाहिए. इससे पानी बैक्टीरिया रहित रहेगा और मुर्गियां बीमार नहीं पड़ेंगी. पानी के बर्तन को रोजाना धोएं और सुनिश्चित करें कि उसमें गंदगी जमा न हो.

दाने को नमी से बचाना भी है जरूरी

बरसात में नमी केवल फार्म में ही नहीं, बल्कि मुर्गियों के दाने में भी असर डालती है. दाने में अगर सीलन आ जाए, तो वह खराब हो जाता है और मुर्गियों की सेहत पर असर डाल सकता है. इसलिए चारे को हमेशा सूखी और हवादार जगह पर रखें. प्लास्टिक कंटेनर या एयरटाइट डिब्बों का इस्तेमाल करें ताकि नमी अंदर न जा सके. इस मौसम में मुर्गियों को ज्यादा ऊर्जा वाला दाना देना चाहिए ताकि वे स्वस्थ रहें और उनका उत्पादन प्रभावित न हो.

ध्यान रहे, सावधानी ही मुनाफे की कुंजी है

बरसात के मौसम में मुर्गी पालन थोड़ा मुश्किल जरूर हो जाता है, लेकिन थोड़ी सी सावधानी से इस समय को भी मुनाफे में बदला जा सकता है. साफ-सफाई, पानी और दाने का विशेष ध्यान रखकर मुर्गियों को बीमारियों से बचाया जा सकता है और उत्पादन में कोई कमी नहीं आने दी जा सकती. अगर आप भी मुर्गी पालन कर रहे हैं या शुरू करने की सोच रहे हैं, तो इन सावधानियों को अपनाकर बरसात में भी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.

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Published: 1 Sep, 2025 | 06:00 AM

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