NDA की जीत की वजह बने 86 लाख किसान, तेजस्वी के गले की फांस बनी मंडी व्यवस्था और MSP गारंटी का फॉर्मूला

NDA गठबंधन को एकतरफा जीत देने का क्रेडिट बिहार के 86 लाख किसानों को जाता है, जिन्होंने तेजस्वी यादव के 19 साल पहले खत्म हो चुकी मंडी व्यवस्था को फिर से लागू करने को नकार दिया और सहकारिता मंत्रालय की मौजूदा पैक्स समितियों की व्यवस्था को सही ठहराया. इतना ही नहीं किसानों को महागठबंधन का MSP गारंटी का फॉर्मूला भी रास नहीं आया है.

रिजवान नूर खान
नोएडा | Updated On: 15 Nov, 2025 | 12:24 PM

Bihar Election Results 2025:  बिहार चुनावों की मतगणना में राष्ट्रीय जनता दल और उसके मुख्यमंत्री पद का चेहरा बने तेजस्वी यादव के लिए निराशाजनक नतीजे आए हैं. तेजस्वी यादव खुद अपनी सीट जैसे-तैसे बचा पाएं हैं. महागठबंधन के खराब प्रदर्शन ने सत्ता हासिल करने का उनका सपना चकनाचूर कर दिया है. महागठबंधन के खराब प्रदर्शन और एनडीए के एकतरफा जीत की वजह किसान और ग्रामीण बने हैं. राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि तेजस्वी के बिहार में मंडी व्यवस्था फिर से लागू करने और एमएसपी गारंटी देने का वादा गले की फांस बन गया है, क्योंकि किसानों को पैक्स समितियों की बजाय मंडी व्यवस्था रास नहीं आई है.

चुनाव में इंडिया महागठबंध का निराशाजनक प्रदर्शन

नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए गठबंधन ने एकतरफा जीत हासिल करते हुए 202 सीटों पर जीत हासिल की है. जबकि, तेजस्वी यादव के नेतृत्व में इंडिया महागठबंधन 35 सीटों पर ही सिमट गया. खुद तेजस्वी यादव को अपनी सीट जीतने में लाले पड़ गए. पूरा दिन वह अपने प्रतिद्वंदी बीजेपी के सतीश कुमार से आगे-पीछे होते रहे और उनके समर्थकों की सांसें अटकी रहीं. हालांकि, देरशाम को आखिरी राउंड की मतगणना के बाद नतीजा साफ हुआ और तेजस्वी यादव 14532 वोट अधिक पाकर सीट बचा पाए.

किसानों को रास नहीं आया फिर से मंडी व्यवस्था लागू करने का वादा

तेजस्वी यादव ने वोटिंग से पहले महागठबंधन का घोषणापत्र जारी करते हुए किसानों को सभी फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी देने के साथ ही मंडी व्यवस्था देने का भी वादा किया गया है. घोषणा पत्र में कहा गया है कि बिहार में में मंडियों को फिर से सक्रिय किया जाएगा. ताकि, किसान उपज की बिक्री आसानी से और ऊंचे दाम पर कर सकें. लेकिन, राज्य के 86 लाख से अधिक किसानों ने सहकारिता मंत्रालय की मौजूदा फसल खरीद व्यवस्था पैक्स समितियों को सही माना और मंडी व्यवस्था को नकारते हुए वोट का समर्थन महागठबंधन को नहीं दिया.

बिहार में कुल 8,484 प्राथमिक कृषि साख समितियां (पैक्स) हैं, जो सरकारी अनाज की खरीद करती हैं. राज्ये के 86 लाख से अधिक किसान इन्हीं पैक्स के जरिए अपनी उपज बेचते हैं. बिहार में पैक्स की सक्रियता बहुत है और इसके लिए चुनाव भी होते हैं.

19 साल पहले बिहार में खत्म की गई थी मंडी व्यवस्था

बिहार के किसान नेताओं का कहना है कि बिहार में मंडी व्यवस्था को साल 2006 में खत्म कर दिया गया था. तत्कालीन बिहार सरकार ने मंडी प्रणाली को नियंत्रित करने वाले बिहार कृषि उपज बाजार अधिनियम 1960 को स्थगित कर दिया था. इस फैसले के चलते सरकारी मंडियों में न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर फसल खरीद जैसी व्यवस्था खत्म हो गई. मंडी व्यवस्था खत्म होने से राज्य में मंडियों का बुनियादी ढांचा खराब हो गया है. इससे किसानों को अपनी उपज का सही दाम मिलना मुश्किल जरूर हुआ है. लेकिन, किसान फिर से पुराने दौर में लौटने, पर्ची कटाने और लंबी लाइन में लगने को राजी नहीं हुए हैं. यही वजह है कि तेजस्वी के पुरानी मंडी व्यवस्था फिर से लागू करने पर किसान सहमत नहीं हुए और एनडीए गठबंधन को वोट का समर्थन दिया.

एमएसपी गारंटी फॉर्मूला भी काम नहीं आया

महागठबंधन ने घोषणापत्र में किसानों को MSP गारंटी देने का वादा किया है. लेकिन, किसानों ने इसे भी नकार दिया. बता दें कि 2023 में एमएसपी गारंटी कानून की मांग को लेकर देश में बड़ा आंदोलन चला है. जो फरवरी 2023 से शुरू होकर जुलाई 2025 तक चला था. संयुक्त किसान मोर्चा के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के आमरण अनशन पर बैठने के चलते केंद्र सरकार को किसानों से बातचीत के लिए बैकफुट पर आना पड़ा. तब से ही राहुल गांधी किसानों को एमएसपी गारंटी कानून देने का समर्थन करते आए और बिहार चुनाव में महागठबंधन की ओर से एमएसपी गारंटी कानून लागू करने वादा भी किया.

जानकारों का कहना है कि बिहार में बड़े अनाज खेतिहर नहीं हैं, बल्कि छोटे किसानों की संख्या अधिक है और बिहार के किसान अनाज के साथ ही सब्जियों, फलों और मछली पालन खूब करते हैं. इसके साथ ही बहुत सारी जमीन डूब क्षेत्र का हिस्सा होने के चलते भी किसान अनाज की खेती बड़े पैमाने पर नहीं कर पाते हैं. ऐसे में एमएसपी गारंटी कानून उनकी समझ में नहीं आया है. हालांकि, किसान नेता कहते हैं कि उपज का दाम तय करने और पाने के लिए एमएसपी गारंटी कानून बहुत जरूरी है.

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Published: 15 Nov, 2025 | 12:24 PM

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